हरियाणा रोडवेज की बसों में सवारियों के साथ बदतमीजी के लिए मशहूर कंडक्टरों का व्यवहार बदलने की कवायद सरकार ने शुरू कर दी है। सवारियों के साथ कंडक्टर सभ्य तरीके से पेश आएं, इसके लिए दो जिलों में पायलट आधार पर कंडक्टरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सुशासन सहयोगियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कंडक्टरों का व्यवहार ठीक होना चाहिए, साथ ही सरकारी तंत्र में कार्यरत अन्य लोग भी व्यवहार कुशल होने चाहिए।
सरकार के पास रोडवेज कंडक्टरों के दुर्व्यवहार की अनेक शिकायतें यात्रियों की ओर से आती हैं। उन पर परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई भी करता है। सीएम ने कहा कि प्रदेश के नागरिकों का एक प्रमाणित डाटा तैयार किया जाएगा। सुशासन सहयोगियों के बेहतर कार्य को देखते हुए 6 विभागों में भी उन्हें लगाया गया है।
इनमें पुलिस, कृषि, इज आफ डूईंग बिजनेस, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, वित और अक्षय उर्जा विभाग शामिल हैं। प्रत्येक जिले में ऑटोमेटेड ड्राईविंग टेस्ट सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। इस एकीकृत परिसर में वाहनों की जांच सहित अन्य सेवाएं भी होंगी।
आगामी 25 दिसंबर को स्वच्छ मैप 35 और शहरों में भी शुरू किया जाएगा। लर्निंग एनहांसमेंट कार्यक्रम के तहत अप्रैल 2018 के शुरू में ही विद्यार्थियों को पुस्तकें वितरित कर दी जाएंगी। 73 ई-दिशा केंद्रों में सिंगल विंडो सिस्टम को स्केल-अप किया जाएगा।
सुशासन सहयोगियों के कार्यों की समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि अब तक 4737 टूटी-फूटी सड़कों की शिकायतें हरपथ एप पर आई हैं, जिनका निपटान किया जा रहा हैं। अब एनएचएआई के साथ की सर्विस रोड व एचएसआईआईडीसी की सड़कों को भी हरपथ एप पर शामिल किया जाएगा।