हरियाणा रोडवेज की छह राज्यों में आवागमन करने वाली दर्जनों बसों के पहिए जल्द थमने वाले हैं। दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर परिवहन विभाग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, जम्मू, हिमाचल प्रदेश व राजस्थान जाने वाली बसों का संचालन बंद करने की पूरी तैयारी कर ली है।
सूत्रों के अनुसार पहली दिसंबर से छह राज्यों में जाने वाली बसों का आवागमन बंद करने का सैद्घांतिक निर्णय हो चुका है। परिवहन मुख्यालय ने हर डिपो से छह राज्यों में जाने वाली बसों की पूरी सूची जल्द भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मौखिक तौर पर कुछ बसों का संचालन बंद करने के लिए भी कहा गया है। जिसके बाद रेवाड़ी, चंडीगढ़, कुरुक्षेत्र व रोहतक डिपो की कुछ बसें बाहरी राज्यों में भेजना बंद कर दी गई हैं।
रोडवेज की कर्मचारी यूनियनें इससे भड़क गई हैं और जल्द चक्का जाम की घोषणा करने की तैयारी में हैं। चूंकि, हरियाणा रोडवेज के हर डिपो से लगभग 25 फीसदी बसें दिल्ली व चंडीगढ़ सहित आठ राज्यों में सेवाएं दे रही हैं। इनकी कमाई प्रति किलोमीटर 35 से चालीस रुपये आ रही है, जबकि प्रति किलोमीटर खर्च 25 रुपये है।
स्टार्टिंग प्वाइंट पर 25 फीसदी से कम सवारियां होने का बना रहे आधार
रोडवेज बसों का दूसरे राज्यों में आवागमन बंद करने के पीछे कारण वित्तीय घाटे को बताया जा रहा है। परिवहन मुख्यालय के आंकलन अनुसार अनेक रूट ऐसे हैं, जिनकी बसों में स्टार्टिंग प्वाइंट से कुल सीटों का 25 प्रतिशत सवारियां भी बस में नहीं होती। इसके साथ ही रोडवेज के बढ़ते वित्तीय घाटे से भी सरकार चिंतित है। अभी रोडवेज छह सौ करोड़ से अधिक के घाटे में है।
संयुक्त संघर्ष समिति करेगी आंदोलन की घोषणा
ऐसा प्रस्ताव उनकी जानकारी में नहीं : पंवार
परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि छह राज्यों में बसों का संचालन बंद करने का प्रस्ताव उनके ध्यान में नहीं है। उनके पास अंतरराज्यीय परमिट हैं, जिन पर बसें चल रही हैं। वह शुक्रवार को पूरी जानकारी अधिकारियों से हासिल करेंगे।
19 नवंबर को पानीपत में संयुक्त संघर्ष समिति करेगी आंदोलन की घोषणा
रोडवेज बसों का संचालन छह राज्यों में बंद करने की भनक लगते ही रोडवेज यूनियनें बिफर गई हैं। ऑल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के प्रधान हरिनारायण शर्मा, बलवान सिंह दोदवा व कर्मचारी नेता दलबीर किरमारा ने सरकार पर रोडवेज को बर्बाद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 19 नवंबर को पानीपत में रोडवेज संयुक्त संघर्ष समिति की बैठक बुलाई गई है। इसमें बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी।
परिवहन विभाग घाटे का बहाना बनाकर रोडवेज को बंद करना चाहता है। साथ ही लंबे रूट निजी बस ऑपरेटरों के हाथ में देने की साजिश रची जा रही है। इसे रोडवेज कर्मी सिरे नहीं चढ़ने देंगे। सरकार बसें बंद करने के अंदरखाने लिए गए निर्णय को तत्काल वापस ले।