गणतंत्र दिवस की परेड पंजाब की झांकी इस साल तीसरी बार भी दिखेगी रक्षा मंत्रालय ने परेड में झांकियां दिखाने के लिए 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चुना है, जिसमें पंजाब को भी शामिल किया गया है। परेड में इस बार पंजाब जलियांवाला बाग हत्याकांड के इतिहास की झांकी दिखाएगा। बता दें की इस साल 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग हत्याकांड को हुए 100 साल हो जाएंगे।
कैप्टन ने झांकी का डिजाइन तैयार करने के दिए निर्देश….
पंजाब की झांकी को परेड में शामिल करने का निर्णय रक्षा मंत्रालय के आधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया है। केंद्र सरकार ने जलियांवाला बाग हत्याकांड को गणतंत्र दिवस की परेड में इस सम्बन्धित झांकी निकालने फैसला लिया है। बीते वर्ष गणतंत्र दिवस पर पंजाब की झांकी में लंगर और पंगत के महत्व को दिखाया गया था। सूबे के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि झांकी का डिजाइन करने के लिए एक्सपर्ट्स की टीम तैयार की जाए।
रॉलेट एक्ट का विरोध करने के लिए इक्ट्ठे हुए थे लोग
जलियांवाला हत्याकांड को इस साल 100 साल पूरे होने जा रहे हैं। गौरतलब हैं कि 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के पर्व पर अमृतसर के जलियांवाला बाग में जनरल डायर ने ब्रिटश सेना को हुक्कम देकर निहत्थे, बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों पर गोलियां चलवा दी थीं। बाग में सभी लोग रॉलेट एक्ट का विरोध करने के लिए इक्ट्ठे हुए थे। बैसाखी के दिन जलियांवाला बाग में मेला भी लगता था, जिसके चलते वहां हजारों लोगों की भीड़ जमा थी।
10 मिनट में 1650 राउंड किए थे फायर
जनरल डायर के आदेश पर करीब सौ सैनिकों ने 10 मिनट में 1650 राउंड फायर किए थे। बिना चेतावनी के की गई इस फायरिंग के दौरान जान बचाने के लिए डरे सहमें लोग लिए बाग के एक कुएं में कूद गए थे। इस घटना के बाद कुएं से 200 के करीब शव निकाले गए थे। हालांकि ब्रिटिश सरकार के उस वक्त के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जलियांवाला बाग हत्याकांड में 379 लोगों की जान गई थी और 1200 लोग जख्मी हुए थे। जबिक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुताबिक उस दिन 1000 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 1,500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।