1971 से पाकिस्तान की जेल में बंद है ये जवान, हाईकोर्ट ने केंद्र को तलब किया
1971 की जंग में शहीद मान लिए गए सैनिक की पत्नी ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दावा किया है कि उसका पति जिंदा है और पाकिस्तान की जेल में बंद है। याची ने हाईकोर्ट से अपील की कि जाधव मामले की तरह उसका मामला भी इंटरनेशनल कोर्ट लेकर जाया जाए ताकि वह अपने पति से मिल सके। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को 4 अगस्त के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट के जस्टिस एसएमएस बेदी ने यह नोटिस लहरा धुधकोट जिला बठिंडा निवासी सैनिक धर्मपाल की 78 वर्षीय पत्नी पाल कौर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया। याचिकाकर्ता के वकील हरी चंद अरोड़ा ने हाईकोर्ट को बताया कि याची का पति इस समय पाक जेल में बंद है।
केंद्र सरकार उसकी रिहाई के लिए शिमला समझौते के तहत इंटरनेशनल कोर्ट में केस दायर करे। याची के पति को भारत-पाक के 1971 की वार में बांग्लादेश के बार्डर पर पाक सैनिकों ने पकड़ लिया था। उसके बाद उसे पाक जेल में बंद कर दिया गया। भारतीय सेना व केंद्र सरकार ने 5 दिसंबर 1971 जिस दिन से वह गुम हो गए थे, उसे शहीद मान लिया। इस बारे में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पत्र लिखकर शोक भी प्रकट किया था।
याची के अनुसार पाक जेल में बंद रहे भारतीय सैनिक सतीश कुमार ने बताया कि वह उसके पति धर्मपाल के साथ 19 जुलाई 1974 से 1976 तक जेल में एक साथ रहा था। बाद में उसे दूसरी जेल में भेज दिया गया। इस पर हाईकोर्ट ने सतीश कुमार को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से आग्रह किया कि इस मामले को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट में याचिका दायर की जाए, जैसे कुलभूषण मामले में दायर की गई है।