पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के इतिहास में पहली बार, कोई लड़की छात्र संघ की अध्यक्ष बनी और उसकी पार्टी एफएसएस ने भी पहली बार जीत दर्ज की। जानिए नई अध्यक्ष के बारे में सब कुछ…
इनका नाम है कनुप्रिया, जो अभी सिर्फ 22 साल की हैं और 719 वोटों से जीत हासिल करते हुए पार्टी की उम्मीदों पर खरी उतरीं। वीरवार को हुए चुनाव में एसएफएस ने शुरू से ही लीड बनाए रखी और आखिर में जीत हासिल की।
एसएफएस ने अपनी परंपरा को कायम रखते हुए पिछले वर्ष की तरह इस साल भी कनुप्रिया को प्रेसीडेंट के पद पर उतारा था। कनुप्रिया पंजाब यूनिवर्सिटी में ही एमएससी जूलॉजी, सेकेंड ईयर की स्टूडेंट हैं और कैंपस में छात्र नेता के तौर पर खास पहचान रखती हैं।
कनुप्रिया साल 2014 से एसएफएस के साथ जुड़ी हुई हैं। 2015 में उन्होंने पार्टी की गतिविधियों में सक्रिय कार्यकर्ता के तौर पर पर काम कर रही हैं। इनसे पहले पार्टी ने अमनदीप कौर को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे चुनाव नहीं जीत पाई थीं।
बता दें कि कनुप्रिया का मुकाबला एनएसयूआई से अनुज सिंह, एबीवीपी से आशीष राणा, सोई के गठबंधन से इकबालप्रीत सिंह, पुसू से रविंदर वीर सिंह, पुसू ललकार से अमनदीप सिंह और यूआईईटी से अजयंत से था और कांटे की टक्कर थी।