25 हफ्ते का गर्भ गिराना सुरक्षित है या नहीं
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पीजीआई चंडीगढ़ को आदेश दिया है कि वो पलवल निवासी 21 साल की रेप पीड़िता महिला के गर्भपात को लेकर अपनी मेडिकल राय दे। पलवल निवासी महिला की याचिका पर पिछले सोमवार को हाईकोर्ट ने इस बाबत पीजीआई चंडीगढ़ से राय मांगी थी। इस पर पीजीआई की दो स्त्री रोग विशेषज्ञों ने कोर्ट में दी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि महिला का भ्रुण 25 सप्ताह का हो चुका हैं और महिला की हालत कमजोर है। रिपोर्ट के अनुसार एमटीपी एक्ट के तहत इस स्थिति में गर्भपात करने की संभावना बहुत की सीमित है।
डाक्टरों ने कोर्ट में दी रिपोर्ट में कहा कि इस स्थिति में इस महिला को नियमित जांच व देख रेख की जरूरत हैं। डाक्टरों की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने कहा कि जब यह याचिका दायर की गई थी उस समय भ्रुण 20 सप्ताह का बताया गया था लेकिन यह 25 सप्ताह का है, ऐसे में जिन डाक्टरों ने इस महिला की पहले जांच की थी वे इस गर्भपात की संभावना पर एक सकारात्मक जांच कर कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दें।
कोर्ट ने कहा कि जिन डाक्टर ने पहले पीड़ित महिला की जांच की थी उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कोर्ट को ऐसी कोई राय नहीं दी कि अगर गर्भपात करवाया जाता हैं तो महिला के स्वास्थ्य पर उसका क्या प्रभाव पड़ेगा। हाईकोर्ट ने वीरवार को हाईकोर्ट में इस बाबत रिपोर्ट देने का आदेश भी जारी किया हैं।