2600 करोड़ रुपये का सर्विस टैक्स निकला
निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू ने फिर फास्टवे पर हमला बोला है। उन्होंने कंपनी पर हजारों करोड़ की टैक्स चोरी का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि अपने विभाग से संबंधित अनियमितताओं पर उन्होंने पांच दिनों में कंपनी को नोटिस भेजने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद जुर्माना वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि फास्टवे ने केबल बिछाने में भी काफी गड़बड़ की है।
पंजाब भवन में वीरवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सिद्धू के साथ मौजूद रिटायर्ड कस्टम अधिकारी एमएस गोयल ने टैक्स चोरी के बारे में विस्तार से बताया। गोयल ने कहा कि 2012 में ही फास्टवे पर 2600 करोड़ रुपये का सर्विस टैक्स निकला था। लेकिन पांच साल बीतने के बाद अब कंपनी को यह टैक्स देने पर मजबूर नहीं किया जा सकता। सेंट्रल एक्साइज की टीम ने 2012 में छापा मार कर 2008 से तब तक का रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। रिकॉर्ड न होने के कारण दूसरी एजेंसी भी कार्रवाई नहीं कर सकीं। कंपनी को सिर्फ 179 करोड़ के नोटिस भेजे गए।
इसमें से 25.6 करोड़ की रिकवरी हो सकी। पंजाब में आठ हजार केबल ऑपरेटर हैं, जिनमें 6500 को फास्टवे कंट्रोल करती है। ये आठ हजार ऑपरेटर ब्रांडेड सर्विस देते हैं, जिस पर सर्विस टैक्स देना जरूरी था। 2012 में यह 2600 करोड़ की टैक्स चोरी थी, आज तक पांच हजार करोड़ हो सकती है। फास्टवे ने सेट टॉप बॉक्स आयात करते हुए इनपुट बेसिक क्रेडिट तो ले लिया। लेकिन यह सिर्फ मैनुफैक्चरिंग पर मिलता है। इसमें भी गड़बड़ की गई।
मनोरंजन कर लगाने पर विचार किया जाएगा
नवजोत सिद्धू ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी में निकायों को मनोरंजन कर लगाने की इजाजत दी है, उस पर विचार किया जाएगा।
टैक्स उल्लंघन में दोषी मिले फास्टवे और पीटीसी तो होगी कार्रवाई : सीएम
केबल माफिया को लेकर निकायमंत्री नवजोत सिद्धू और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच मतभेद की चर्चाओं पर सीएम ने विराम लगा दिया है। सीएम ने वीरवार को स्पष्ट किया कि फास्टवे, पीटीसी या अन्य केबल या मीडिया संस्थान पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई जाएगी। लेकिन अगर ये टैक्स उल्लंघन के दोषी पाए गए तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कैप्टन ने कहा कि सरकार टीवी चैनलों और केबल ऑपरेटरों को समान मौके देने और उनमें रचनात्मक प्रतिस्पर्धा को उत्साहित करने को वचनबद्ध है। वह बदले की राजनीति नहीं करेंगे। वे पंजाब में ज्यादा से ज्यादा टीवी चैनलों और केबल ऑपरेटरों के स्वागत को तैयार हैं ताकि केबल माफिया को खत्म किया जा सके। सरकार टीवी चैनल या केबल नेटवर्क शुरू करने वाले हरेक ऑपरेटर की मदद करेगी।