वैज्ञानिकों ने पहली बार हल्के रिसेप्टर्स के साथ एक आर्टिफिशियल आंख का एक प्रोटोटाइप 3डी प्रिंटेड विकसित किया है जो भविष्य में दृष्टिहीन लोगों के लिए एक चमत्कार के रूप में साबित हो सकता है।
अमेरिका में मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इसके लिए एक अर्धगोल ग्लास गुंबद का इस्तेमाल किया ताकि वे इलेक्ट्रॉनिक्स प्रिंटिंग की चुनौती पर खरे उतर सके। इसके लिए उन्होंने एक विशेष तरीके से तैयार किए गए 3डी प्रिंटर का उपयोग किया। इसमें स्याही में सिल्वर पार्टिसल्स का इस्तेमाल किया गया।
इस दौरान स्याही फैलने के बजाय एक जगह रुक कर सूख गई। इस पूरी प्रक्रिया को करने में एक घंटे का समय लगा। अमेरिका में मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के सहयोगी प्रोफेसर माइकल मैकल्पिन ने कहा, ‘बायोनिक आंखों’ को आम तौर पर विज्ञान की काल्पनिक रूप में माना जाता है, लेकिन अब हम एक बहुमूल्य 3डी प्रिंटर का उपयोग कर रहे हैं। हम इसके बेहद करीब पहुंच चुके हैं। इससे भविष्य में एक दिन आंखों का समुचित इलाज किया जा सकेगा।