प्रशासन ने शहर के विभिन्न भागों में दशकों से खड़े 31 पेड़ों को भी हैरिटेज पेड़ घोषित कर दिया है। इन्हें ‘हैरिटेज ट्रीज ऑफ चंडीगढ़’ नाम दिया गया है। इनमें अधिकतर पेड़ पीपल, बरगद तथा आम के हैं। शहर के महत्वपूर्ण हरित चिन्हों में शामिल इन विशाल पेड़ों के संरक्षण व रखरखाव के उद्देश्य से प्रशासन ने इन्हें हैरिटेज पेड़ों का दर्जा दिया है। प्रशासन ने इन पेड़ों के संबंध में लोगों को जागरूक करने की भी व्यापक योजना पनाई है व इसकी जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपी गई है।
प्रशासन की योजना के अनुसार इन पेड़ों के संरक्षण व रखरखाव की जिम्मेदारी भी उन संस्थानों की होगी जिनमें यह लगे हैं। इसके लिए संस्थान वन एवं वन्यजीव विभाग से सहयोग ले सकते हैं। इन पेड़ों के संरक्षण के उद्देश्य से नगर निगम व प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग को इनकी कटाई व छंटाई के लिए भी मना कर दिया गया है व अगर ऐसा करना अनिवार्य हो तो उन्हें इसके लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
इन पेड़ों के संरक्षण, रखरखाव व सुरक्षा के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी करने के लिए वन विभाग को कहा गया है। पर्यटन विभाग के लोगों को इनकी जानकारी देने के लिए हैरिटेज वॉक के आयोजन के लिए निर्देश दिए गए हैं। ऐसे सबसे अधिक पांच पेड़ सैक्टर 18डी के राजकीय कन्या मॉडल स्कूल मं हैं। यह सभी वहां एक कतार में खड़े हैं व इनमें पीपल, बरगद व आम के पेड़ शामिल हैं। प्रशासन ने इन पेड़ों की आयु दर्शाने के लिए उन गांवों का भी नाम इस सूची में लिखा है जहां यह चंडीगढ़ बनने से पहले मौजूद थे।