सरकारी मकानों में सोलर पैनल लगाने पर सहमति बन चुकी है। प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर से अप्रूवल मिलने के बाद यू.टी. के इंजीनियरिंग विभाग की ओर से 325 सरकारी घरों की लिस्ट तैयार कर ली है।
लिस्ट इंजीनियरिंग विभाग ने चंडीगढ़ रिन्यूएबल एनर्जी एंड साइंस एंड टैक्नोलॉजी प्रोमोशन सोसायटी (क्रेस्ट) को सौंप दी है। अब क्रेस्ट इन सभी सरकारी मकानों में सोलर पैनल लगाने के लिए जल्द ही टैंडर जारी करने जा रहा है। इन सभी मकानों में 679 किलोवाट के सोलर पैनल लगेंगे, जिन पर 5 करोड़ रुपए खर्च आएगा। सभी पैनल सरकारी मकानों की छतों पर मुफ्त में लगाए जाएंगे।
हालांकि इसके लिए हर महीने एक निश्चित राशि सरकारी मकान के अलॉटी से ली जाएगी। क्रेस्ट की ओर से 250 रुपए की इस फीस को प्रशासक ने मंजूरी दे दी है। यानी हर महीने अलॉटी को 250 रुपए देने होंगे लेकिन इसके बदले में अलॉटी फ्री में सोलर पैनल से मिलने वाली बिजली का इस्तेमाल कर सकेगा।
प्राइवेट घरों का रिस्पांस बना कारण :
सरकारी मकानों में सोलर पैनल लगाने का कारण अधिकारियों ने प्राइवेट मकानों से न मिल रहे रिस्पांस को बताया। लगभग दो साल पहले प्राइवेट घरों में सोलर पैनल लगाने की योजना शुरू की थी लेकिन अभी तक 500 घर भी इस प्रोजैक्ट के तहत नहीं लाए जा सके। अब प्रशासन को मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी द्वारा 2022 तक दिए गए 50 मैगावाट सोलर एनर्जी के टारगेट को पूरा करने के लिए सरकारी मकानों की मदद लेनी पड़ रही है।
पहले इन घरों में लगेंगे पैनल
एरिया मकान कैपेसिटी
सैक्टर-5 8 24
सैक्टर-7 98 196
सैक्टर-16 73 166
सैक्टर-18 1 2
सैक्टर-24 31 62
सैक्टर-39 18 36
सैक्टर-3 1 3
सैक्टर-19 24 48
सैक्टर-10 5 10
सैक्टर-23 36 72
सैक्टर-11 30 60