Factory Exploded

5 मंजिला फैक्ट्री में हुए धमाके, मलबे में ऐसे दब गईं लाशें और जिंदा लोग

7 फैक्ट्री वर्कर व बचाव कार्य में लगे 30 से 32 लोग मलबे में दब गए। रात तक 4 लाशें निकाली जा चुकी थीं।

लुधियाना.सोमवार सुबह पौने 7 बजे सूफिया चौक के पास जनकपुरी इलाके में फ्लेक्स व प्लास्टिक का सामान बनाने वाली फैक्ट्री की 5 मंजिला इमारत में आग लग गई। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की 25 गाड़ियों ने 10.30 बजे तक आग पर काबू पा लिया लेकिन 11 बजे इमारत में रखे केमिकल ड्रम में पहला विस्फोट हुआ और आग फिर से भड़क गई। बचाव कार्य फिर शुरू हो गया। मलबे में दब गए 32 लोग, 4 निकाली गई लाशें..

– 11:15 बजे दूसरा विस्फोट हुआ। जब दोपहर 12.30 बजे तीसरा विस्फोट हुआ तो 5 मंजिला इमारत भरभरा के गिर गई। विस्फोट से साथ लगती 2 अन्य फैक्ट्री भी ढई गईं।

– इमारत गिरने से 9 फायर मुलाजिम, 7 फैक्ट्री वर्कर व बचाव कार्य में लगे 30 से 32 लोग मलबे में दब गए।

– रात 1.45 बजे कुल 8 लाशें निकाली जा चुकी थीं, मरने वालों में कुछ लोगों की पहचान कर ली गई है।

– जख्मी लोगों को सीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच, रात ढाई बजे मलबे में फिर से आग भड़क उठी। बताया जा रहा है कि अाग शॉर्ट सर्किट से लगी है।

दो घंटे बाद निकला जिंदा…

– बगल की फैक्ट्री में आग की सूचना के बाद जनता रिक्शा फैक्ट्री के मालिक रोहित कपूर अपनी फैक्ट्री से सामान निकालने लगे। इसी बीच एक ही झटके में उनकी फैक्ट्री भी ढह गई।

– करीब 2 घंटे तक वह दबे रहे। फिर उन्हें जिंदा निकाल लिया गया। दोनों टांगें फ्रैक्चर हैं। सिर और माथे समेत कई जगह चोटें आई हैं। अस्पताल में भर्ती हैं।

एक दफा आग पर काबू पा लिया था पर कैमिकल ड्रमों में धमाके से फिर भड़की

– चश्मदीद की माने तो सोमवार सुबह 7 बजे लगी आग पर एक दफा करीब 10.30 बजे काबू पा लिया गया था लेकिन मशीन में धमाका होने से आग फिर भड़क उठी। इसके बाद फिर एक धमाका हुआ।

– बचाव कार्य में लगे फैक्ट्री के प्रोडक्शन मैनेजर गुरदीप सिंह ने बताया, ऊपरी मंजिल पर लगी आग ग्राउंड फ्लोर पर पहुंच चुकी थी।

– आग जैसे ही एक कमरे में रखे केमिकल स्याही वाले ड्रमों तक पहुंची तो फिर धमाका हुआ। इसके बाद बिल्डिंग ही गिर गई। आग की लपटें गली तक आईं। बाहर खड़े लोगों ने भागकर जान बचाई।


बिल्डिंग गिरने लगी तो नीचे की ओर भागे लोग

– मलबे से जिंदा बाहर निकाले गए विक्की ने बताया, जब फैक्ट्री में आग लगी तो वह भी बचाव में जुटा। एक बार अाग बुझ गई तो राहत महसूस हुई।

– मगर धुएं से काफी परेशानी हो रही थी। इसके बाद हम लोग पहली मंजिल पर बचाव कार्य के लिए पहुंच गए। ऑफिस में सामान निकालने लगे तो जोरदार धमाका हुआ।

– इसके बाद बिल्डिंग गिरने लगी तो सभी नीचे की तरफ भागे। ऊपर से सामान गिरने से वह सीढ़ियों से लुढ़क गया। उसकी टांगें मलबे में दब गईं थीं।

– इसके बाद उसके सिर पर लकड़ी का बॉक्स आकर गिरा तो आंखों के सामने अंधेरा छा गया। इसके बाद मुझे नहीं पता, क्या हुआ।

एनडीआरएफ, सेना पुलिस मुलाजिम रेस्क्यू में जुटे रहे

– बचाव कार्य के दौरान ही इमारत गिरने से मलबे में ढेर हो गई। बचाव कार्य में लुधियाना के अलावा समराला, हलवारा, जगराओं और खन्ना की गाड़ियां भी लगी हुई थी।

– पुलिस कमिश्नर समेत 2 एडीसीपी, 4 एसीपी, 6 इंस्पेक्टर 100 से अधिक महिला पुलिस मुलाजिमों समेत पुलिस कर्मी, 50 मिलिट्री जवान, 20 एनडीआरएफ, 16 एसडीएफ, 60 फायर कर्मी 200 नगर निगम का स्टॉफ बचाव कार्य में जुटा हुआ था।

– बचाव कार्य के लिए सेना की 3 क्रेनों समेत, 19 जेसीबी मशीनें, मलबा हटाने के लिए 15 टिप्पर, 7 एबुलेंस अन्य डिपार्टमेंटों का स्टॉफ मौके पर था।

दो से 5 मंजिला बनी फैक्टरी निगम के पास रिकॉर्ड नहीं

– 15 साल पुरानी प्लास्टिक फैक्ट्री दो से पांच मंजिला बन गई और निगम के पास कोई रिकॉर्ड ही नहीं है।

– अवैध रूप से बनी बिल्डिंग जब आठ लोगों की जिंदगी लील गई तो अब अफसर उसका रिकॉर्ड तलाशने में जुट गए हैं।

– निगम कमिश्नर जसकिरन सिंह ने बिल्डिंग ब्रांच से इस इमारत का पूरा रिकॉर्ड मंगवाया है। इंडस्ट्री एरिया में ये प्रॉपर्टी इंडस्ट्रियल प्लॉट पर बनाई गई थी।

– इसे इंद्रजीत सिंह गोला की ओर से साल 2002-03 के आसपास खरीदा था। तब ये बिल्डिंग सिर्फ दो मंजिला ही थी। इसके बाद निगम से काेई मंजूरी ली गई, इसका कोई रिकॉर्ड फिलहाल नहीं मिल पाया था।

– बिल्डिंग के ऊपरी हिस्से को चार इंची पर खड़ा किया गया था। बिल्डिंग को तीन हिस्सों में तैयार किया गया है। नीचे के हिस्से में गारे की चिनाई की गई थी।

– बिल्डिंग ब्रांच के अफसर इमारत काे पुरानी बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। इलाके के लोगों के मुताबिक बिल्डिंग को लेकर कई बार एतराज जताए, पर सुनवाई नहीं हुई।

– इलाके के अमरीक सिंह ने बताया कि पांच सालों में अफसरों की मिलीभगत से इल्लीगल तरीके से पांच मंजिला बनाया।

– बिल्डिंग में कैमिकल बड़ी मात्रा में पड़ा रहता था। आसपास रिहायशी बिल्डिंगें हैं। कई बार मालिक को यहां से कैमिकल दूर रखने के लिए कहा गया था, पर कोई फायदा नहीं।

– वहीं, इलाका एटीपी हरविंदर सिंह हनी ने बताया कि बिल्डिंग 15 साल पुरानी है। इसका रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है।

– हादसे के कारण फैक्ट्री मालिक की तबीयत बिगड़ गई। जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

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