चने और जौ से बना सत्तू सेहत के लिए है बेहद फायदेमंद, रखता है इन बीमारियों से दूर
सत्तू खाने में स्वदिष्ट ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। सत्तू के औषधिय गुण भी बहुत हैं। चना और जौ जब साथ में मिलते हैं तो ये एक कंप्लीट डाइट की तरह काम करते है। खास कर गर्मियों में ये दवा की तरह काम करती है। गर्मियों में सत्तू बेहद फायदेमंद होता है। सत्तू खाने से अनेक बीमारियां दूर रहती है। भूने हुए चने और जौ को पीस कर ये सत्तू बनता है जो शरीर को न केवल ठंडक देता है बल्कि ये डायबिटीज और मोटापे का भी दुश्मन होता है। खास बात ये है कि इसे खाने के लिए इसका प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है। आप चाहें तो इसका शर्बत के रूप में भी प्रयोग कर सकते है या इसे आटे की तरह गूंथ कर प्याज और आम की चटनी के साथ भी खा सकते हैं।
गैस्ट्रोइंट्रोटाइटिस से पीड़ित लोगों को सत्तू जरूर खाना चाहिए। चने और जौ के सत्तू को बराबर मात्रा में मिला कर आप इसका सेवन करें। अधिक मिर्च-मसालों के खाने से पेपटिक ग्रंथि से गैस्ट्रिक जूस का रिसाव बढ़ने लगता है और ये बहुत नुकसानदायक होता है लेकिन सत्तू का सेवन से इस रिसाव को कम किया जा सकता है। जौ और चने से बना सत्तू कफ, पित्त, थकावट, भूख, प्यास और आंखों के अलावा पेट से जुड़ी बीमारी में बेहद लाभदायक होता है। तो आइए जानें ये सत्तू कैसे आपके सेहत के लिए बेहतर है और किन रोगों का दुश्मन है।
अपनी डाइट में शामिल करें सत्तू, रहेंगे हमेशा फिट
मोटापे का दुश्मन
सत्तू एक कंप्लीट डाइट है। इसमें प्रोटीन के साथ ही मिनरल्स, आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस बहुत होता है। साथ ही ये फाइबर से भरा है। इसे खाने से पेट आसान से भर जाता है और देर तक भरा रहता है। इसे खाने से प्यास भी खूब लगती है तो पानी पीने से पेट और देर तक भरा फील होता है। ऐसे में ये वेट लॉस के लिए बेहतर फूड होता है।
लू से बचाता है
सत्तू की तासीर ठंडा होता है। इसलिए गर्मी में इसे खाने से शरीर ठंडा भी रहता है और पानी अधिक पीने से ये डिहाइड्रेशन से भी बचाता है। इससे लू नहीं लगती है। सत्तू शरीर का तापमान नियंत्रित रखने में कारगर होता है।
एनीमिया में फायदेमंद
सत्तू कैल्शियम, आयरन से भी भरा होता है। ऐसे में जिन्हें एनिमिया है वह इसे जरूर खाएं। आप चाहें तो रोज पानी में तीन चम्मच सत्तू मिलाकर पीएं। ये आपके लिए फायदेमंद होगा।
डायबिटीज में रामबाण है
सत्तू में मौजूद बीटा-ग्लूकेन शरीर में बढ़ते ग्लूकोस के अवशोषण को कम करता है। इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। सत्तू लो ग्लाइमेक्स इंडेक्स वाला होता है। इतना ही नहीं ये लंबे समय तक पेट को भरा रखता है इसलिए ये डायबिटीज के लिए फायदेमंद होता है।
सत्तू खाने खाने से पहले इन बातों का रखें ख्यालः
-> चने के सत्तू ज्यादा न खाएं बल्कि इसमें जौ मिला लें। चने का सत्तू गैस बनाता है।
-> जिन्हें स्टोन है वह सत्तू खाने से बचें क्योंकि इसमें कैल्शियम काफी होता है।
-> सत्तू को खाते समय बीच में पानी नहीं पीएं। खाने के बाद पानी पीएं।
-> दिन में एक या दो बार से अधिक सत्तू बिलकुल न खाएं।
सत्तू खाना आपके सेहत के लिए गर्मियों में वरदान होता है लेकिन इसे सर्दियों व बरसात में कम से कम खाना चाहिए।