Budget 2018

Budget 2018: चंडीगढ़ मांगे मोर, पिछले साल के मुकाबले केंद्र से 1600 करोड़ ज्यादा मांगे

पिछले साल के मुकाबले इस बार चंडीगढ़ प्रशासन ने केंद्र सरकार से वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 1600 करोड़ रुपये अतिरिक्त बजट की मांग की है। बजट में लगातार कटौती के चलते चंडीगढ़ के कई अहम प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं। यही कारण है कि मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में चंडीगढ़ के मेयर और प्रशासनिक अफसरों ने यूटी द्वारा मांगे गए बजट को देने के सिफारिश की।

ताकि शहरवासियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रशासन द्वारा शुरू किए गए तमाम महत्वाकांक्षी प्रोजेक्टों को पूरा किया जा सके। हालांकि प्रशासनिक सूत्रों की मानें की तो इस बार केंद्र सरकार से मांगा गया बजट मिल पाना मुश्किल लग रहा है। बताया जा रहा है कि इस बार भी मांगे गए बजट पर करीब एक हजार करोड़ रुपये की कटौती की जाएगी। वित्तीय वर्ष 2017-18 में यूटी प्रशासन की ओर से 6151 करोड़ मांगे थे, लेकिन केंद्र सरकार ने यूटी को 4312 करोड़ रुपये दिए थे। मांगे गए बजट पर करीब 1800 करोड़ रुपये की कैंची चली थी।

चंडीगढ़ प्रशासन ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए केंद्र सरकार को 5908 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। पिछले साल प्रशासन ने केंद्र सरकार से 6151 करोड़ रुपये बजट के लिए मांगे थे, लेकिन केंद्र ने 4312 करोड़ ही दिए थे। पिछले वित्तीय वर्ष में प्रशासन को जितना बजट मिला, उसके मुकाबले इस बार केंद्र से 1596 करोड़ रुपये अधिक मांगे गए हैं।

निगम के लिए इस बार 1100 करोड़ मांगे

मेयर देवेश मोदगिल ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के चंडीगढ़ दौरे के दौरान पार्षदों के साथ हुई बैठक में निगम को वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अतिरिक्त बजट दिए जाने की मांग की है। इस बार चंडीगढ़ नगर निगम ने केंद्र सरकार से 1100 करोड़ रुपये बजट में मांग की है।

वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रशासनिक बजट की स्थिति

वित्तीय वर्ष 2017-18 में यूटी प्रशासन को केंद्र सरकार से मिला बजट मांगे गए बजट से काफी कम था। पिछले वित्तीय वर्ष 4312 करोड़ ही बजट में मिले थे। कुल बजट का यूटी प्रशासन अब तक 92 प्रतिशत खर्च कर चुका है। बजट का एक बड़ा हिस्सा यूटी के कर्मचारियों को वेतन देने में ही निकल जाता है। ऐसे में तमाम महत्वाकांक्षी योजनाएं बजट के अभाव के चलते अधूरी पड़ी हैं। वित्तीय वर्ष 2017-18 में मिले 4312 करोड़ रुपये बजट में से 475 करोड़ बजट कैपिटल और 3887 करोड़ रुपए रेवेन्यू हेड के तहत दिए गए थे। रिवाइजड बजट में भी वित्तीय वर्ष 2017-18 में यूटी प्रशासन को कें द्र सरकार से 179 करोड़ ही मिले थे। वह भी किसानों की अधिगृहित की गई जमीन के मुजावजे में पूरा हो गया।

वित्तीय वर्ष 2016-17 में मिले थे 3937.79 करोड़

वित्तीय वर्ष 2016-17 में यूटी प्रशासन को केंद्र सरकार से 3937.79 करोड़ रुपये बजट में मिले थे। 2017-18 में 6151 करोड़ रुपये बजट के लिए मांगे गए थे। लेकिन केंद्र ने मांगे गए बजट पर कैंची चलाते हुए 4312.40 रुपये ही बजट में दिए थे। केंद्र सरकार ने यूटी द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष के लिए मांगे गए बजट में करीब 1800 करोड़ रुपये की कटौती की थी। लेकिन यूटी प्रशासन को केंद्र सरकार 2016-17 के मुकाबले 2017-18 में 9.51 प्रतिशत बजट अधिक दिया गया था।

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