चंडीगढ़ में हर 13वां व्यक्ति डायबिटीज का शिकार है। पी.जी.आई. की लैटेस्ट स्टडी के मुताबिक चंडीगढ़ देश का डायबिटीज कैपिटल बन गया है। आई.सी.एम.आर. ने भारत के 15 राज्यों में पॉपुलेशन बेस्ड स्टडी की है जिसमें सामने आया है कि चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा 13.6 प्रतिशत डायबिटीज के मरीज पाए गए हैं। पी.जी.आई. एंडोक्रोनोलॉजी डिपार्टमैंट के हैड प्रो.अनिल भंसाली ने बताया कि पूरी दुनिया में चाइना में सबसे ज्यादा डायबटीज के मरीज हैं। इस लिहाज से चाइना के बाद चंडीगढ़ भारत का नंबर आता है।
शहर में 20 से 40 साल के युवा भी डाइबिटिक के शिकार हो रहे हैं जिसका कारण असंतुलित डाईट और लाइफ स्टाइल है। चंडीगढ़ के लोग जंक फूड खाना ज्यादा पंसद करते हैं, वहीं फिजिकल एक्टीविटी की बात करें तो वह न के बराबर है। लोग कंम्यूटर व मोबाइल पर वक्त ज्यादा बिताते हैं, ऐसे में यह भी इसका एक मुख्य कारण है।
प्रदूषण भी एक वजह
डा. भंसाली ने बताया कि कुछ दिन दिल्ली में एक स्टडी पब्लिश हुई है जिसके मुताबिक पॉल्यूशन भी डायबटीजि का कारण बन रहा है। पॉल्यूशन से शरीर में कई ऐसे तत्व आ जाते हैं जो पैनक्रियाज के काम को इफैक्ट करते हैं जो कि डायबिटीज होने की वजह बन सकते हैं, हालाकि इसे लेकर अभी तक हमने कोई स्टडी नहीं की, लेकिन कहीं न कहीं यह एक बड़ी वजह हो सकती है।
दो प्रतिशत को पता नहीं, उन्हें डायबिटीज है
स्टडी में शामिल प्रो. संजय बडाडा बताते हैं कि सैक्टर-15,22, 38 और इंदिरा कॉलोनी में एक हजार लोगों पर किए एक स्टडी में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। उनका तीन महीने का ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन टैस्ट किया गया। उससे पता चला है कि दो प्रतिशत ऐसे लोग हैं जिन्हें पता ही नहीं था कि उन्हें डायबिटीज है। रिसर्च के अनुसार 36 प्रतिशत ऐसे लोग मिले जो हाई रिस्क जोन में हैं।