चंडीगढ़ में अब सिख महिलाओं के लिए हैलमेट पहनना अनिवार्य नहीं चंडीगढ़(राजिंद्र) चंडीगढ़ में अब सिख महिलाओं के लिए हैलमेट पहनना अनिवार्य नहीं है। चंडीगढ़ मोटर व्हीकल रुल्स 1990 सब टाइटल रूल 193 में प्रशासक के अमेंडमैंट के बाद ही ये नोटीफिकेशन जारी की गई। इस अमेंडमैंट के तहत सिख महिलाओं के दोपहिया वाहनों पर ड्राइविंग और पीछे की सीट पर सवारी करते हुए उनके लिए हैलमेट पहनने को आप्शनल कर दिया है। इसके अलावा अन्य किसी मामले और व्यक्ति को मैडीकल सलाह और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रैट के आदेशों पर ही ऐसी कोई छूट लागू होगी।
प्रकाश सिंह बादल मिले थे राजनाथ से :
11 अक्तूबर को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से इस मसले को लेकर मुलाकात की थी। इस दौरान गृह मंत्री ने शिअद को ये भरोसा दिलाया था कि जुलाई 2018 में जारी किए सिख महिलाओं के लिए चंडीगढ़ में हैलमेट को आवश्यक बनाने वाले नोटिफिकेशन को वापस लिया जाएगा व उन्हें पहले की तरह ही दोपहिया वाहन चलाते समय हैलमेट पहनने से छूट दी जाएगी।
अकाली दल के नेताओं ने जताई खुशी
शिअद चंडीगढ़ के प्रधान हरदीप सिंह ने सिख महिलाओं के लिए हैलमेट अनिवार्यता को खत्म करने पर अपनी खुशी जताते कहा कि इसे लेकर उन्होंने काफी संघर्ष किया और अब जाकर उनकी मांग पूरी हुई है। हरदीप ने कहा कि सिख धर्म की मर्यादा के तहत महिलाएं सिर पर हैलमेट या ऐसा कुछ नहीं पहन सकती हैं। यही कारण है कि वह शुरू से ही इसका विरोध कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिअद लीडरशिप को इसका श्रेय जाता है, जिन्होंने दिल्ली जाकर गृहमंत्री के समक्ष अपनी बात रखी थी।
जुलाई में जारी किया था हैल्मेट जरूरी करने का नोटीफिकेशन
प्रशासन ने जुलाई में नोटिफिकेशन जारी करते हुए शहर में महिलाओं के लिए हैलमेट अनिवार्य कर दिया था। हालांकि शिरोमणि अकाली दल चंडीगढ़ ने इसमें उन सभी सिख महिलाओं को छूट देने की मांग की थी, जिनके नाम के पीछे कौर लगता हो, लेकिन बावजूद इसके प्रशासन ने सिर्फ उन सिख महिलाओं को ही इसमें छूट दी थी, जोकि सिर पर पगड़ी आदि बांधती हैं। इसके बाद ही अकाली दल के नेताओं ने प्रशासक तक से मुलाकात की थी और उनसे नोटिफिकेशन वापस लेने की मांग की थी। यहां तक कि उन्होंने शहर में रोष प्रदर्शन भी किया था, लेकिन बावजूद इसके उन्हें कोई खास राहत नहीं मिली थी।