बीमारियों ने घेरा चंडीगढ़ पुलिस के जवानों को, 204 पुलिसकर्मियों की हो चुकी है मौत
वीकली ऑफ न मिलने और लंबी ड्यूटी कर परेशान चंडीगढ़ पुलिस के जवानों को बीमारियों ने घेर लिया है। बीमारियों के कारण 8 साल में 204 पुलिसकर्मी अपनी जान भी गंवा चुके हैं। पुलिस विभाग के आला अफसर अपने पुलिसकर्मियों के बारे में एक बार भी सोच नहीं रहे हैं, ताकि आने वाले समय में पुलिसकर्मियों का तनाव दूर कर बीमारियों से बचाया जा सके।
पुलिसकर्मी ज्यादातर ब्लड प्रैशर, शुगर, मोटापा और हार्ट अटैक की बीमारी से ग्रस्त हैं। रिकार्ड के अनुसार पिछले आठ सालों में 204 पुलिसकर्मी बीमारियों के कारण मौत हो चुकी है, जबकि 552 पुलिसकर्मी अलग-अलग बीमारियों से ग्रस्त हो रखे हैं। सूत्रों की मानें तो आर.टी.आई. में चंडीगढ़ पुलिस के अफसरों ने पुलिसकर्मी की बीमारियों का रिकार्ड मैंटेन नहीं कर रखा है।
हार्ट अटैक और डिप्रैशन ज्यादा :
चंडीगढ़ पुलिस में एक जनवरी 2010 से एक अप्रैल 2019 तक कुल 204 की मौत अलग-अलग बीमारियों से हुई है, जिनमें एक जनवरी 2010 से 31 दिसंबर 2015 तक 134 पुलिसकर्मिर्यों की मौत हुई है। इनमें कांस्टेबल और हैड कांस्टेबल 109 और ए.एस.आई. से इंस्पैक्टर रैंक तक 25 पुलिसकर्मी शामिल हैं।
जबकि एक जनवरी, 2016 से 1 अप्रैल, 2019 तक 70 पुलिसकर्मियों की मौत हुई है। जिनमें 55 हैड कांस्टेबल व कांस्टेबल और 15 ए.एस.आई. से इंस्पैक्टर रैंक तक के पुलिसकर्मी शामिल हैं। पुलिस विभाग के आकड़ों के मुताबिक 2010 से अप्रैल 2019 तक 18 हैड कांस्टेबल व कांंस्टेबल हार्ट अटैक से मर चुके हैं। इसके अलावा डिप्रैशन के चलते 2010 से अप्रैल 2019 तक 135 हैड कांस्टेबल व कांंस्टेबल की मौत हो चुकी है। वहीं 11 पुलिसकर्मी तनाव के चलते सुसाइड कर चुके हैं।
मोटापा भी बड़ी समस्या :
चंडीगढ़ पुलिस के जवान लंबी डयूटी के कारण 552 पुलिसकर्मी कई बीमारियों से ग्रस्त हो चुके हैं। 120 पुलिसकर्मी ब्लड प्रैशर की बीमारी से, 47 पुलिसकर्मी शुगर से, 381 पुलिसकर्मी मोटापे से और 4 पुलिसकर्मी सुनाई न देने की बीमारी से ग्रस्त हैं। इनकी ड्यूटी पुलिस लाइन में लगाई गई है।
बीमार पुलिसकर्मियों का डाटा मैंटेन नहीं :
चंडीगढ़ पुलिस के हर जवान का एनुअल मैडीकल सैक्टर 26 स्थित पुलिस लाइन में मौजूद अस्पताल में होता है। मैडीकल के दौरान हर पुलिसकर्मी पर पुलिस विभाग रुपए खर्च करता है। इसके बावजूद अस्पताल के डाक्टर बीमार पुलिसकर्मियों का रिकार्ड मैंटेन नहीं करते।
नियम के मुताबिक एनुअल मैडीकल में बीमार पुलिसक र्मियों का रिकार्ड मैंटेन करने के बाद रिपोर्ट डी.जी.पी. को भेजनी होती है, लेकिन मैडीकल करने वाले डाक्टर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
तो कर्मियों का तनाव हो सकता है दूर :
चंडीगढ़ पुलिस के आला अफसर पुलिसकर्मियों का तनाव आसानी से दूर कर सकते हैं। इसलिए अफसरों को आठ घंटे की शिफ्ट और पुलिसकर्मियों को वीकली रेस्ट देना होगा। चंडीगढ़ पुलिस विभाग के पास एक लाख लोगों पर 324 पुलिसकर्मी मौजूद हैं।
इतनी फोर्स होने पर पुलिसकर्मी का तनाव दूर हो सकता है क्योंकि बी.पी.आर.डी. ने अपनी स्टडी में कहा है कि एक लाख लोगों पर 173 पुलिसकर्मी होने पर आसानी से 8 घंटे की ड्यूटी और वीकली आफ आसानी से दिया जा सकता है। वहीं यू.एन.ओ. ने कहा कि एक लाख लोगों पर 222 पुलिसकर्मी 8 घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी कर सकते हैं।