बढ़ती उम्र के साथ लोग साइकिल चलाना छोड़ देते हैं, लेकिन 40 साल के राजीव पिछले 25 सालों से साइकिल न सिर्फ खुद चला रहे हैं, बल्कि दूसरों को भी साइकिल चलाने के लिए मोटिवेट कर रहे हैं।
इसके लिए राजीव इंडिया की सबसे उंची 9.5 फीट की साइकिल चला रहे है। राजीव अब तक अपनी इस साइकिल से चंडीगढ़ से 5 हजार 100 कि.मी. तक का सफर तय कर वह चंडीगढ़ से मुंबई पहुंचे थे। जहां भी जाते हैं वह अपनी उंची साइकिल के कारण चर्चा का विषय बन जाते हैं। कहते हैं कि मेरा मकसद लोगों को हैल्थ के साथ-साथ पॉल्यूशन के प्रति अवेयर करना है।
दुनिया भर में पोल्यूशन के कारण ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है। इसके लिए हमारी गाडिय़ां से निकलने वाला धुआँ भी एक बड़ा कारण है। कई शहरों में साइकिल से जा चुका हूं, लेकिन जितनी खुली व बड़ी सड़कें चंडीगढ़ में है कहीं नहीं है। ऐसे में हमारे लिए यहां साइकिल चलाना दूसरे शहरों के मुकाबले बहुत आसान है।
साइकिल चलाने से हैल्थ बैनिफिट्स तो होगा ही, इससे पॉल्यूशन पर एक बड़ा पॉजिटिव इफैक्ट पड़ेगा। राजीव कहते हैं कि गवर्नमैंट पॉल्यूशन कंट्रोल को लेकर कई बड़ी स्कीम बना रही है लेकिन वह तब तक सफल नहीं हो सकती, जब तक हम इस तरह के छोटे-छोटे प्रयास न करें।
40 दिन के सफर में कई जगह की कवर :
राजीव पिछले दिनों ही 40 दिन के टुअर से लौटे हैं। एक फरवरी से शुरू हुए इस ट्रिप को राज्यपाल वी.पी.सिंह बदनौर ने हरी झंडी देकर रवाना किया था। राजीव ने इसके लिए 9.5 फीट की लंबी साइकिल बनाई जो कि 10 फुट तक एक्पैंड हो सकती है। अपनी इस जर्नी में उन्होंने दिल्ली, अजमेर, पुष्कर, जयपुर, सूरत कई शहरों में चंडीगढ़ के ओपन हैंड मोनुमैंट युक्त साइकिल द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए साइकिल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का संदेश दिया।
खुद ही करते हैं साइकिल को डिजाइन :
राजीव ने बताया कि साइकिल चलाने का शौक उन्हें बचपन से ही है। 10वीं में पढ़ते हुए उन्हें शौक जगा कि ऐसा काम करना है, जिसे कोई दूसरा नहीं करता हो। वह साइकिल चलाकर पूरा देश घूमना चाहते थे। उसके लिए उन्होंने सबसे पहले एक वर्कशॉप खोली।
वर्कशॉप में खुद ही साइकिल को डिजाइन करना शुरू किया। जब खुद की डिजाइन की गई साइकिल लेकर सड़क पर निकलते हैं तो उन्हें देखने के लिए सभी की निगाहें ठहर जाती हैं। हर कोई मुझसे मिलने के लिए उत्सुक दिखता है। उन्होंने बताया कि साइकिलिंग के सपने को पूरा करने के अलावा समाज के लिए कुछ करना चाहता हूं, इसलिए साइकिल पर चलते हुए मैं हर किसी को संदेश देता हूं कि गाडिय़ों के बजाय साइकिल का ज्यादा इस्तेमाल करें।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक की योजना :
राजीव का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है लेकिन वह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाना चाहते है इसके लिए वह कशमीर से कन्याकुमारी तक का सफर साइकिल से करने की योजना बना रहे है। इसके लिए उन्होंने एक साइकिल का डिजाइन भी बनाया है जो कि पिछली साइकिल से थोड़ी ऊंची तो होगी ही, साथ ही उसका वेट 22 किलो, तक होगा, जिससे उसे चलाना और आसान हो सकता है।