पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जूनियर आर्थिक सलाहकार फ्लैट में हो गए कैद, रात भर रोते रहे
देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जूनियर आर्थिक सलाहकार अमृत लाल (87) फ्लैट में कैद हो गए और वह रात भर रोते रहे। हाउसिंग बोर्ड कांप्लेक्स में अकेले रह रहे रिटायर्ड अफसर के रोने की आवाज सुनकर पड़ोसी ने स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को कॉल की। रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और उन्हें निकालकर मनीमाजरा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। यहां जरूरी उपचार के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। सर्विस के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह उनसे एक साल सीनियर थे।
स्टेट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी के लॉ अफसर राजेश्वर ने बताया कि बुधवार की सुबह उन्हें एक व्यक्ति ने फोन करके बताया कि उनके पड़ोस में एक बुजुर्ग रहते हैं, जो बीती रात से रो रहे हैं। दरवाजा भी नहीं खोल रहे हैं। इसके बाद हमारी टीम स्थानीय पुलिस को लेकर मौके पर पहुंची। साथ ही एक डॉक्टर, सोशल वेलफेयर की टीम को भी बुलाया गया। एक पड़ोसी कड़ी मशक्कत कर मकान के ऊपर के रास्ते से घर में घुसा और किसी तरह चाबी का पता लगाकर अंदर से दरवाजा खोला।
जांच में पता लगा कि अमृत लाल सेंट्रल गवर्नमेंट से बतौर इकॉनोमिक एडवाइजर सेवानिवृत्त हुए हैं। कमरे में गिर जाने से उन्हें चोट लग गई थी। जांच टीम ने पाया कि उनकी मानसिक स्थित सही नहीं है। वह सही से अपनी बात भी नहीं कह पा रहे थे। रेस्क्यू टीम उन्हें उपचार के लिए मनीमाजरा सिविल अस्पताल लाई, जहां उन्हें जरूरी दवाएं दी गईं।
बेटे का परिवार से मनमुटाव, अकेले पड़े अमृत लाल
अथॉरिटी के लॉ अफसर राजेश्वर ने बताया कि अमृत लाल का बड़ा बेटा विदेश में रहता है। छोटा बेटा कुछ समय पहले तक उनके साथ घर पर ही रहता था, लेकिन परिवार में मनमुटाव के चलते वह भी अपने परिवार समेत पंचकूला रहने लगा। इस कारण अमृत लाल घर पर अकेले हो गए। उन्होंने खाना बनाने के लिए एक नौकरानी को रखा है।
बीते करीब 20 साल से नौकरानी ही घर का काम करती है। पारिवारिक विवादों के कारण अमृत लाल घर में अकेले पड़ गए हैं। हालांकि, सूचना मिलने पर अमृत लाल के छोटे बेटे मौके पर पहुंचे। उन्होंने अथॉरिटी को बताया कि वह रोजाना पिता के पास आकर उनका हालचाल जानते हैं। यदि कभी पिता की हालत सही नहीं होती तो वह घर पर ही रुकते हैं।
अमृत लाल की याददाश्त पड़ी कमजोर
अमृत लाल ने लॉ अफसर राजेश्वर से बातचीत में बताया कि वह सेंट्रल गवर्नमेंट से वर्ष 1991 में बतौर इकॉनोमिक एडवाइजर सेवानिवृत्त हुए थे। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह उनसे एक साल सीनियर थे। देश में बसा उनका बड़ा बेटा करीब 3 साल पूर्व मां के देहांत के समय घर आया था, लेकिन दोबारा वह नहीं आया।