Gulab Jamun Recipe with Khoya or mawa
घी- तलने
विधि – How to make Gulab Jamun
चाशनी तैयार कीजिए
किसी बर्तन में चीनी और 2 कप पानी डालकर मिला दीजिए. चीनी को पानी में पूरी तरह से घुलने के बाद और 2 से 3 मिनिट धीमी आंच पर पकने दीजिए.
एकदम नरम मावा (धाप) और पनीर को एक प्लेट में रख लीजिए. पनीर को पहले तोड़कर क्रम्बल कर लीजिए और इसे हथेलियों से बिल्कुल नरम होने तक मसलते रहिए. इसके बाद पनीर में मावा डालकर मसल-मसलकर मिक्स कर लीजिए. इसमें ½ कप मैदा डालकर अच्छे से मिला लीजिए और एकदम चिकना मिश्रण तैयार कर लीजिए.
एक प्याली में चाशनी की 1 से 2 बूंदे गिरा लीजिए और ठंडा होने दीजिए. फिर, ठंडी हुई चाशनी में उंगली डिप करके उंगली और अंगूठे में चिपका कर देखिए, इसमें कोई तार न बन रहा हो या फिर छोटा सा तार बन रहा हो लेकिन चाशनी शहद की तरह चिपक रही हो, तो गुलाब जामुन के लिए चाशनी तैयार है. चाशनी के बर्तन को उतार कर जाली स्टेन्ड पर रख दीजिए.
गुलाब जामुन तलने के लिए, एक कढ़ाही में पर्याप्त मात्रा में घी डालकर गरम होने रख दीजिए. इसी बीच डोह भी चैक कर लीजिए. थोड़ा सा डोह हाथों में लीजिए और गोल-गोल बॉल बना लीजिए. गोला एकदम चिकना तैयार होना चाहिए, तभी डोह गुलाब जामुन के लिए उपयुक्त रहता है.
एक प्याली में काजू, बादाम और इलाइची पाउडर मिक्स कर लीजिए. इसमें थोड़ा सा (एक छोटी चम्मच) मावा डोह मिला लीजिए. स्टफिंग तैयार है.
घी के गरम होने पर थोड़ा सा डोह घी में डालकर चैक कर लीजिए. डोह अच्छे से तल रहा है, घी गरम हो गया है. गैस धीमी कर दीजिए और डोह को निकालकर हटा दीजिए. इसके बाद, ट्रायल के लिए बनाए हुए बिना स्टफिंग के गुलाब जामुन को घी में तलकर चैक कर लीजिए. घी में गुलाब जामुन फटना नही चाहिए और बुलबुले की तरह फूलना भी नही चाहिए. अगर ऎसा हो रहा है, तो डोह ज्यादा नरम तैयार हुआ है. इस गुलाब जामुन को निकाल लीजिए.
डोह में 1 टेबल स्पून (10 से 12 ग्राम) मैदा डाल लीजिए और अच्छे से मसल-मसल कर मिक्स कर लीजिए. इस डोह से एक गोला बनाकर मध्यम गरम घी में डालिए और धीमी आंच पर तलकर चैक कर लीजिए. गुलाब जामुन अच्छे से सिक रहा है, कही से फूल नही रहा है, डोह एकदम परफेक्ट है. गुलाब जामुन ब्राउन होने के बाद निकालकर चाशनी में डाल दीजिए. चाशनी को ढककर ही रखिए ताकि ये जल्दी से ठंडी न हो जाए.
डोह को छोटे-छोटे टुकड़ों या लोइयों में बांट लीजिए. एक लोई उठाइए और उंगलियों से दबाते हुए बढ़ाकर हल्का सा चपटा कर लीजिए. इसमें थोड़ा सा स्टफिंग रखिए और इसे अच्छे से बंद कर दीजिए. फिर, हाथों से रोल करते हुए गोल गुलाब जामुन बनाकर रख लीजिए. इसी प्रकार एक-एक करके सारे डोह से गुलाब जामुन तैयार कर लीजिए.
घी में 4 गुलाब जामुन तलने के लिए डाल दीजिए. इन्हें तलते समय ध्यान रखिए कि कलछी को सीधे गुलाब जामुन पर रखकर न चलाएं. कलछी से सिर्फ घी को चलाएं, गुलाब जामुन अपने आप घूम जाएंगे. गुलाब जामुन को हल्का सा ब्राउन होने के बाद सीधे कलछी से घुमाकर तल सकते हैं और गुलाब जामुन को गोल्डन ब्राउन होने तक इसी तरह कलछी से घुमाते हुए तलिए.
गुलाब जामुन तल जाने के बाद, इन्हें निकालकर चाशनी में डाल दीजिए. गुलाब जामुन कढ़ाही से निकालते समय कलछी पर थोड़ी देर रखिए ताकि अतिरिक्त घी कढ़ाही में ही वापस चला जाए. एक बार के गुलाब जामुन तलने में तकरीबन 10 मिनिट लग जाते हैं. सभी गुलाब जामुन इसी प्रकार भरकर, तलकर और चाशनी में डालकर बना लीजिए. गुलाब जामुन को चाशनी में चमचे से डुबो दीजिए और इन्हें 3 से 4 घंटे तक चाशनी सोखने के लिए रख दीजिए.
3 से 4 घंटे में गुलाब जामुन चाशनी को अपने अंदर सोखकर, मीठे होकर तैयार हो जाएंगे, लेकिन ये दूसरे दिन खाने में ज्यादा मज़ेदार लगेंगे. सबके मनपसंद गुलाब जामुन को गरम-गरम किसी भी समय सर्व कीजिए और चाव से खाइए.
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