ट्रैफिक पुलिस की ओर से मध्य मार्ग पर मंगलवार से ट्रायल बेस पर लागू किया गया सर्कुलेशन सिस्टम पहले ही दिन धड़ाम हो गया। बिना किसी ठोस तैयारी और व्यवस्था के रूट में बदलाव ने जहां शहरवासियों को लंबे-लंबे जाम में फंसा दिया, वहीं उनकी जान भी खतरे में डाल दी। हालत यह हो गई कि पूरा शहर जाम से कराह उठा और लोग ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था को कोसते नजर आए। पांच मिनट का सफर तय करने में लोगों को आधे घंटे से अधिक का समय लग गया।
लाखों लोग सुबह-शाम दो-दो घंटे जाम में फंसे रहे और गंतव्य तक पहुंचने के रास्ते तलाशते रहे। हालत यह हो गई कि सुबह 9:15 बजे शुरू हुआ सर्कुलेशन सिस्टम को 11 बजे की बजाय 10:25 पर ही रोक दिया गया और पुरानी स्थिति बहाल कर दी गई। इसके बाद सुबह के समय लोगों को जाम से राहत मिली। बाहरी राज्यों से चंडीगढ़ में दाखिल होने वाले वाहन चालक और लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत झेलनी पड़ी।
यह लोग सुबह सवा नौ बजे से लेकर करीब 11 बजे तक मध्य मार्ग समेत अन्य सड़कों पर जाम में फंसे रहे। साइकिलिस्ट मध्य मार्ग पर ट्रांसपोर्ट लाइट प्वाइंट पर अपना ट्रैक ढूंढते रहे लेकिन उन्हें ऐसी कोई ट्रैक नजर नहीं आया, जहां से वे सुरक्षित निकल सकें।
नवजोत सिंह सिद्धू का काफिला भी फंसा जाम में
ग्रेन मार्केट-26 के चौक से पंजाब के निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का काफिला निकला। लेकिन सेक्टर-27/28 के डिवाइडिंग रोड पर उनका काफिला जाम में फंस गया। सूचना मिलने पर आनन-फानन में यूटी पुलिस को अपनी बैरिकेडिंग व्यवस्था को हटाना पड़ा। तब जाकर सिद्धू के निकलने का रास्ता बन सका।
जज की गाड़ी फंसी तो डीएसपी को बुलाकर पूछा कारण
गरचा टर्न की तरफ से शाम को करीब छह बजे रेलवे लाइट प्वाइंट पर एक जज अपनी गाड़ी से कहीं जा रहे थे, लेकिन उनकी भी गाड़ी जाम में फंस गई। इस पर उन्होंने मौके पर मौजूद डीएसपी चरणजीत सिंह को बुलाकर जाम का कारण पूछा। फिर जज की गाड़ी दूसरी दिशा से आगे निकल गई।
फंसी एंबुलेंस को डिवाइडर के ऊपर से निकलवाया
जाम के दौरान मध्य मार्ग पर कई एंबुलेंस भी फंसी रहीं। एसएसपी ट्रैफिक शशांक आनंद समेत दो डीएसपी, तीन इंस्पेक्टर और सात एसआई, दो एएसआई समेत ड्यूटी पर तैनात करीब 118 पुलिसकर्मी भी इन एंबुलेंसों को जाम से निकलवाने में बेबस दिखे। ऐसे में मरीजों की जान बचाने के लिए एंबुलेंस चालकों ने जान पर खेलकर एंबुलेंस डिवाइडर के ऊपर से दूसरी लेन पर गाड़ी को उतारने पर मजबूर होना पड़ा।
सुबह-शाम के चार घंटे जाम ने छुड़ाए पसीने
सुबह करीब 9:20 बजे से पंचकूला से आने वाले वाहन चालक हाउसिंग बोर्ड से आगे कलाग्राम लाइट प्वाइंट, रेलवे लाइट प्वाइंट, ट्रांसपोर्ट लाइट प्वाइंट और ग्रेन मार्केट-26 चौक तक जाम में फंसे रहे। सुबह करीब 10:25 बजे सर्कुलेशन सिस्टम को हटाया गया और तब जाकर लोगों को राहत मिली। लेकिन शाम को फिर वाहन चालकों को उसी चुनौती से गुजरना पड़ा।
सुबह जाम से सहमे वाहन चालकों को शाम करीब 5:15 बजे फिर चंडीगढ़ से पंचकूला जाना था। लेकिन फिर से ट्रांसपोर्ट लाइट प्वाइंट पर फंसे और यहां से निकलना चालकों के लिए चुनौती बन गया। वाहन सड़क पर रेंगते नजर आए।
इमरजेंसी में भी लोगों पर थोपते रहे सर्कुलेशन सिस्टम
सर्कुलेशन सिस्टम के पूरी तरह फ्लॉप होने का नजारा यूटी पुलिस सुबह ही देख चुकी थी। इमरजेंसी जैसे हालात होने पर भी एसएसपी ट्रैफिक शशांक आनंद ने सर्कुलेशन सिस्टम को वापस लेने के बजाय इसे शाम को भी दोहरा दिया। नतीजतन लोगों के लिए फिर से जाम की स्थिति बनी और फिर न सड़क पर यातायात नियम नजर आए और न ही कोई अन्य प्रणाली।
हर कोई जहां से रास्ता मिला, वहां से निकलता दिखा। लाखों लोगों में व्याप्त रोष देख अंत में यूटी पुलिस विभाग ने यातायात को दूसरे दिन सर्कुलेशन सिस्टम के बजाय पहले की तर्ज पर चलाने के आदेश जारी कर दिए।
सभी प्वाइंट्स पर लगा जाम
सेक्टर-26 ग्रेन मार्केट चौक से टीपीटी-26 लाइट प्वाइंट, रेलवे लाइट प्वाइंट, कलाग्राम लाइट प्वाइंट और हाउसिंग बोर्ड चौक के अलावा सेंट कबीर टर्न-26, शास्त्री नगर लाइट प्वाइंट और गरचा टर्न व सीटीयू लाइट प्वाइंट पर भी जाम से वाहन चालकों में भारी रोष व्याप्त दिखा। शहरवासियों समेत अन्य लोग यह पूछते रहे कि आखिर यह फैसला है किसका?