शहर की खूबसूरती को दर्शाने वाला 'सिटी ब्यूटीफुल का टैग अब शायद चंडीगढ़ के आगे लगना बंद हो जाएगा क्योंकि पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में इस टैग को हटाने की मांग की गई है। जानकारी के अनुसार स्वयं सेवी संस्था 'द रन क्लब द्वारा हाईकोर्ट में याचिका डाली गई थी, जिसमें कहा गया था कि शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है।
याचिका में बताया कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट रूल्स 2016 के तहत शहर के कूड़े का सैग्रीगेशन, कलैक्शन और डिस्पोजल करने का जिम्मा नगर निगम का है और निगम ने वर्ष 2018 में सॉलिड वेस्ट बायलॉज बना उसकी नोटिफिकेशन भी समयावधि में 18 मार्च, 2019 में कर दी थी। निगम ने जे.पी. एसोसिएट्स को दिशा-निर्देश देते हुए सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट प्लांट डड्डू माजरा में स्थापित करने को कहा था, जिसमें पूरी तरह से कूड़े का निष्पादन किया जाना था।
निगम ने सॉलिड वेस्ट रूल्स के तहत यह भी सुनिश्चित किया था कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट के तहत डम्पिंग ग्राऊंड को भी मैनेज किया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सॉलिड वेस्ट कानून में प्लास्टिक बैग्स व प्लास्टिक से बने डिस्पोजल सामान के उत्पादन, बिक्री व इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाएगा ताकि प्लास्टिक वेस्ट पर नियंत्रण किया जा सके।
रन क्लब नामक एन.जी.ओ. के संचालक गगन छाबड़ा की और से दाखिल जनहित याचिका में बताया गया है कि पर्यावरण एक्ट 1986 के तहत सूखे पत्तों को जलाने पर प्रतिबंध लगाया जाना था और कानून का उल्लंघन करने वाले पर सख्त कार्रवाई की जानी थी, जिसके लिए संबंधित अधिकारियों की ड्यूटियां भी लगाई गई, जोकि सही तरीके से नहीं की गई। एन.जी.टी. की गाइडलाइन भी फॉलो नहीं की गई।
यही कारण रहा कि चंड़ीगढ़ का पॉल्यूशन लैवल बिगड़ता चला गया और चंडीगढ़ स्वच्छता रैंकिंग में 20वें स्थान पर पहुंच गया। इसलिए याचिका में कहा गया है कि सिटी ब्यूटीफुल का टैग इस्तेमाल करने पर रोक लगाते हुए सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए जाएं। हाईकोर्ट ने याचिका पर चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी किया है और इस मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को तय की है।