चंडीगढ़ में अब आई.ए.एस. ऑफिसर्स का संकट और गहराने वाला है। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (एम.एच.ए.) ने अभी तक नए आई.ए.एस. ऑफिसर्स की अप्वाइंटमैंट के लिए कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन शहर में मौजूदा आई.ए.एस. ऑफिसर्स के जाने का सिलसिला जारी है। यही नहीं, पंजाब ने भी अभी तक फ्रैश पैनल नहीं भेजा है। यही वजह है कि अधिकारियों की कमी की वजह से शहर की डिवैल्पमैंट से जुड़े काम प्रभावित हो रहे हैं।
यही नहीं, मौजूदा प्रशासनिक अधिकारियों पर काम का बोझ काफी बढ़ गया है। यू.टी. की ओर से एम.एच.ए. को नए ऑफिसर्स को ज्वाइन करवाने के लिए बार-बार रिमाइंडर भेजा जा रहा है लेकिन बावजूद इसके पिछले कुछ माह में 2004 बैच के आई.ए.एस. बी.एल. शर्मा ही ज्वाइन कर पाए हैं। यही नहीं, शिल्पी पातर और विरेंद्र चौधरी के भी रीपेटरिएट होने के बाद अब एच.सी.एस. ऑफिसर्स की कमी भी प्रशासन झेल रहा है।
पिछले साल तक थे 18 ऑफिसर्स
चंडीगढ़ प्रशासन के पास पिछले साल मार्च तक 18 आई.ए.एस. ऑफिसर्स थे, लेकिन मौजूदा समय में यह 11 ही हैं। यही वजह है कि प्रशासन में अधिकारियों की कमी से लगातार प्रोजैक्ट्स पूरे होने में देरी हो रही है। ये सभी आई.ए.एस. ऑफिसर्स ए.जी.एम.यू.टी., पंजाब और हरियाणा कैडर्स के हैं, हालांकि प्रशासन द्वारा फिर से पंजाब को आई.ए.एस. ऑफिसर्स का पैनल भेजने के लिए रिमाइंडर भेजा जाएगा लेकिन पैनल आने तक मौजूदा ऑफिसर्स से ही काम चलाना होगा।