भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की टी-20 सीरीज का तीसरा और आखिरी मैच मंगलवार को केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में खेला जाएगा। इस मैच के साथ ही तिरुवनंतपुरम का मैदान अपना अंतरराष्ट्रीय टी-20 डेब्यू करेगा। शहर में लगभग तीन दशक (29 साल) बाद अंतरराष्ट्रीय मैच का आयोजन हो रहा है। दोनों ही टीमें इस निर्णायक मैच में जीत के साथ श्रृंखला अपने नाम करने के इरादे से उतरेंगी। भारतीय प्रशंसकों की नजरें मैच में महेंद्र सिंह धोनी के बल्लेबाजी क्रम पर टिकी होंगी। राजकोट टी-20 में धीमी पारी की वजह से उन्हें आलोचना का शिकार होना पड़ा।
बारिश डाल सकती है मैच में खलल
हालांकि मैच में बारिश के खलल डालने की भी प्रबल संभावना है। आशंका जताया जा रही है कि इससे पहले हुई भारत-आस्ट्रेलिया श्रृंखला की तरह ही इस श्रृंखला का निर्णायक मैच भी बारिश की भेंट चढ़ सकता है क्योंकि मौसम विभाग ने बारिश की भविष्यवाणी की है।
फिलहाल श्रृंखला 1-1 से बराबर
दिल्ली में खेले गए पहले टी-20 में भारतीय टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए 53 रन से जीत हासिल की। लेकिन राजकोट में कीवी टीम ने धुआंधार वापसी करते हुए भारत को 40 रन से मात देकर सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली। लेकिन कीवी टीम का पिछले तीन साल में टी-20 में सीरीज जीत का रिकॉर्ड बेहद उमदा है। 2014 के बाद से कीवी टीम एक भी टी-20 सीरीज नहीं हारी है। केवल एक सीरीज बराबरी पर समाप्त हुई थी। ऐसे में उसे निर्णायक मैच में नजरअंदाज नहीं किया जा करता क्योंकि दिल्ली में टीम इंडिया ने एक दशक बाद टी-20 में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहली जीत दर्ज करने में सफल हो सकी।
शानदार फॉर्म में हैं दोनों ही टीमें
विराट कोहली की अगुआई वाली टीम इंडिया काफी अच्छी फार्म में चल रही है लेकिन न्यूजीलैंड ने पहले वनडे और फिर टी20 श्रृंखला में उसे कड़ी टक्कर दी। वनडे सीरीज में भी हार-जीत का फैसला कानपुर में खेले गए तीसरे और आखिरी मैच में हुआ। टी-20 सीरीज भी उसी मोड़ पर आकर खड़ी हो गई।
तेज हुई धोनी को बदलने की मांग
यह मैच इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि धोनी को सबसे छोटे प्रारूप में बदलने की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। भारत के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण ने कहा है कि धोनी एकदिवसीय टीम का हिस्सा हो सकता है लेकिन समय आ गया है कि सबसे छोटे प्रारूप में किसी और को निखारा जाए। धोनी ने दूसरे टी20 मैच में 37 गेंद में 132 के स्ट्राइक रेट से 49 रन की पारी खेली थी जो बुरा प्रदर्शन नहीं है लेकिन पिछले एक साल में उनका स्ट्राइक रोटेट करने में नाकाम रहना चिंता की बात है। धोनी ने पांच गेंद में बाउंड्री से 26 रन जुटाए जिसमें तीन छक्के और दो चौके शामिल रहे लेकिन बाकी 32 गेंद में वह 23 रन ही बना सके।
अब यह देखना रोचक होगा कि कप्तान कोहली और मुख्य कोच रवि शास्त्री अगले मैच में धोनी को कौन से क्रम पर खिलाते हैं। कुछ लोगों का सुझाव है कि भारत के जल्द विकेट गंवाने पर धोनी चौथे नंबर पर बेहतर हैं क्योंकि इससे उन्हें जमने का समय मिलता है।
भारतीय गेंदबाजों और फील्डर्स का निराशाजनक प्रदर्शन
राजकोट टी-20 में बल्लेबाजी में कोहली ने 42 गेंद में 65 रन बनाए लेकिन बाकी बल्लेबाजों ने निराश किया। क्षेत्ररक्षक भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए। गेंदबाजी में बुमराह और भुवनेश्वर के अतिरिक्त अन्य सभी गेंदबाजों ने निराश किया। भुवी और बुमराह ने 8 ओवर के अपने कोटे में 6.50 की औसत से 52 रन दिए। वहीं अन्य गेंदबाजों ने 12 ओवर में 11.83 की औसत से 142 रन खर्च किए। यही अंतर टीम इंडिया की हार का कारण भी बना।
भारत को कैच छोड़ने का खामियाजा भी भुगतना पड़ा जबकि न्यूजीलैंड ने पदार्पण कर रहे तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को निशाना बनाया। जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार की प्रभावी गेंदबाजी से हालांकि टीम इंडिया न्यूजीलैंड को 200 रन से कम के स्कोर पर रोकने में सफल रही। अब यह देखना होगा कि टीम प्रबंधन सिराज को एक और मौका देता है या उनकी जगह अतिरिक्त बल्लेबाज को खिलाता है। कोहली ने राजकोट में हार के बाद स्वीकार किया था कि बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और सभी खिलाड़ियों के योगदान देने की जरूरत पर जोर दिया।