आईपीएल सीजन-11 में अब ‘मिड सीजन ट्रांसफर विंडो’ नियम लागू हो चुका है। फुटबॉल की तर्ज पर बनाए गए इस नए नियम के मुताबिक अब किसी भी विशेष फ्रैंचाइजी का खिलाड़ी दूसरी फ्रैंचाइजी के लिए क्रिकेट खेल सकेगा। बता दें क्रिकेट जगत में यह नियम पहली बार लागू किया गया है।
जेंटलमैन गेम में ऑक्शन विंडो की प्रक्रिया 28 अप्रैल से शुरू हुई यह प्रक्रिया 10 मई यानी 42 मैच तक चलेगी। इस दौरान कैप्ड और अनकैप्ड खिलाड़ी एक टीम से दूसरी टीम में ट्रांसफर किए जा सकते हैं। हालांकि उन्हीं कैप्ड प्लेयर्स का ट्रांसफर हो सकेगा, जिन्होंने दो या इससे कम मैच खेले हैं।
बता दें कि अभी भी कई ऐसे खिलाड़ी आईपीएल में बैठे हुए हैं, जिन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले हैं। इनमें मोईन अली (आरसीबी), जेपी डुमिनी (मुंबई इंडियंस), एलेक्स हेल्स (सनराइजर्स हैदराबाद), ईश सोढ़ी (राजस्थान रॉयल्स) और संदीप लामिछाने (दिल्ली डेयरडेविल्स) जैसे खिलाड़ियों के नाम शामिल हैं।
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इससे यंग क्रिकेटर्स को और ज्यादा मौके मिलेंगे, जो किसी एक फ्रैंचाइजी का हिस्सा बनने की इच्छा रखते हैं। यह उन खिलाड़ियों के लिए काफी लाभकारी होगा, जिन्हें फ्रैंचाइजियों ने खरीद तो लिया है, लेकिन मैदान पर ज्यादा मौके नहीं दिए हैं।
बता दें कि आईपीएल में हर टीम के पास अधिकतम 25 खिलाड़ी हैं, लेकिन देखने में आया है कि टीम 18-19 खिलाड़ियों को ही मौका दे पाती है। मिड सीजन ट्रांसफर की मांग पहली बार साल 2016 में उठी थी, जब डेल स्टेन को अधिकांश समय गुजरात लॉयंस की बेंच पर बैठकर गुजारना पड़ा था।