पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन से फिर पूछा है कि कोर्ट को बताया जाए कि सुखना वैटलैंड एरिया है या नहीं। अगर नहीं तो क्यों अभी तक नोटिफिकेशन जारी नहीं की जा रही। 18 मार्च से पहले चंडीगढ़ प्रशासन को कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
वहीं, हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन, हरियाणा व पंजाब सरकार सहित कोर्ट मित्र को कांसल एरिया में स्टेटस-को के बावजूद हो रहे निर्माणों की स्थिति स्पष्ट करने और उक्त निर्माणों की सूची तैयार कर कोर्ट को देने को कहा है ताकि निर्माण करने वालों को अवमानना नोटिस भेजे जा सकें।
कोर्ट ने हरियाणा सरकार द्वारा सकेतड़ी में बनाए जा रहे सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट संबंधी जवाब भी मांगा है। कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा है कि उक्त काम के लिए स्टेटस को रुकावट नहीं बनना चाहिए। 18 मार्च तक हरियाणा सरकार को भी जवाब देना होगा।
स्टेटस-को की आड़ में हो रहे निर्माण
कोर्ट मित्र ने पिछली सुनवाई के वक्त बताया था कि हाईकोर्ट ने सुखना कैचमैंट एरिया में किसी भी तरह के निर्माण करने या पुराने हुए निर्माणों को गिराने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद रात के अंधेरे में गैर-कानूनी तरीके से लोग निर्माण कार्य कर रहे हैं, जिन्हें गिराने के वक्त कोर्ट द्वारा लगाया स्टेटस-को आड़े आ रहा है। कोर्ट स्टेटस-को लगाने के बाद हुए निर्माणों का ब्यौरा भी मंगवाया है।
सुखना वैटलैंड अथॉरिटी की मीटिंग के मिनट्स भी मंगवाए :
कोर्ट ने सुखना को वैटलैंड एरिया घोषित करने के लिए वैटलैंड अथॉरिटी को मीटिंग करने को कहा था और उक्त मीटिंग के मिनट्स भी कोर्ट में जमा करवाने को कहा था। कोर्ट मित्र ने बताया कि अथॉरिटी ने मीटिंग्स के विषय में और वैटलैंड संबंधी सुझावों की जानकारी नहीं दी है। कोर्ट ने अथॉरिटी को निर्देश दिए हैं कि वह प्रशासन को वैटलैंड संबंधी मीटिंग्स की जानकारी अगली सुनवाई के वक्त दे।