याद है फौजी भाइयों के लिए आने वाला रेडियो शो, ‘जवानों के लिए’ या फिर एस कुमार्स का ‘फिल्मी मुकदमा’ या कुछ नहीं तो ‘बिनाका सिबाका गीतमाला’ तो याद ही होगा। इनमें से अगर कोई शो आपको याद नहीं या फिर आपने इनके बारे में सुना ही नहीं तो जरूर आप लाइफ की ट्वेंटीज हैं।
अब फिल्मी सितारे चैनल चैनल दिखते हैं। चैनल बंद करो तो अखबारों में छपे पड़े होते हैं और अखबार न हों तो मोबाइल की हर दूसरी ट्वीट, हर तीसरी खबर और हर चौथी मीम इन्हीं पर है। फिर भी रेडियो का जादू है कि उतरता ही नहीं। रेडियो शोज पर भी अब सितारों की भरमार है। करण जौहर से लेकर सतीश कौशिक, शक्ति कपूर से लेकर हैशटैग सलीम तक सब बजा रहे हैं और ओवर एक्टिंग से श्रोताओं को पका रहे हैं।
आवाजों के शोर में बदलते इस माहौल में पायल की एक छनक सी है 104.8 पर करीना कपूर की बोली। न आवाज में कोई बनावटीपन, न खुद को एक्सपर्ट बताने का ढिंढोरा। बस एक कटोरा बातों का, कुछ दाने मुलाकातों के और गर्माहट भरा एहसास ऐसे शो का जिसे भारत सरकार को अपने खर्चे पर हर रेडियो चैनल पर बीस साल पहले शुरू कर देना चाहिए था।
करीना के इस शो की क्रिएटिव टीम रेडियो के सबसे बड़े पुरस्कार की हकदार है। मिसेज खान गाने भी क्या चुन-चुन कर बजाती हैं और बातें ऐसी करती हैं कि बस सुनते सुनते जाओ और रास्ता कटता जाता है। मशहूर रेडियो शो द मोदी के मतवाले राही याद आ गया। भई वो स्पाई शो था। ये म्यूजिक शो।