Pawan Kumar Bansal

Kiran Didi Not Make Even One Promise In Five Years Bansal

किरण ने पांच साल में एक भी वायदा नहीं किया पूरा : बंसल

रोजाना 10 से 12 रैलियां, स्वास्थ्य बिगडऩे के बावजूद एनर्जी बार खाकर जनता के बीच वोट मांगने पहुंचना और यदि समय बच जाए तो घर में ही जन संपर्क बनाए रखना। कुछ इस तरह का शैड्यूल है चंडीगढ़ से चार बार सांसद रह चुके और एक बार फिर चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे कांग्रेस के उम्मीदवार पवन कुमार बंसल का।

पंजाब केसरी के साथ हुई विशेष बातचीत में बंसल ने दावा किया कि न तो इस बार कोई लहर काम करेगी और न ही झूठे वायदों के साथ कोई चुनाव जीत पाएगा। 1991, 1999, 2004 और 2009 में सांसद का चुनाव जीत चुके बंसल ने कहा कि पांच साल पहले जो वादे कर भाजपा की उम्मीदवार किरण खेर मैदान में उतरी थीं, उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ। बात हो सफाई व्यवस्था की या फिर एजूकेशन या हैल्थ, हर जगह चंडीगढ़ पहले के मुकाबले पिछड़ चुका है। अब चुनाव आते ही एक बार फिर किरण खेर बड़े-बड़े झूठ लोगों तक पहुंचाने लगी हैं।

मैट्रो के साथ-साथ मिनी बसें होंगी फायदेमंद :

बकौल बंसल ‘मैं वही दावे करूंगा, जिन्हें पूरा कर पाऊं। मेरा मकसद चंडीगढ़ को फिर से नंबर-1 के पायदान पर लाना है। फिर चाहे वह सफाई हो, हैल्थ हो या फिर शहर की ग्रीनरी को बढ़ाना।’ यही नहीं, बंसल ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए इलैक्ट्रिक मिनी बसों को एक और बेहतर ऑप्शन माना। उन्होंने कहा कि मैट्रो के साथ-साथ मिनी बसें शहर के लोगों के लिए सबसे फायदेमंद साबित होंगी। अगर उन्हें मौका मिलता है तो वह इस पर जरूर काम करेंगे।

ऐसे क्या बदलाव हैं जो आप सबसे पहले लाना चाहेंगे?

सबसे पहले मैं सफाई व्यवस्था को चैलेंज मानता हूं। भाजपा के शासनकाल में चंडीगढ़ सफाई की रैंकिंग में 20वें स्थान पर आ गिरा है। मैं इस कलंक को मिटाना चाहूंगा। मुझे अपना शहर एक बार फिर नंबर-1 पर चाहिए। जिसके लिए मैंने अपना एक टारगेट फिक्स कर लिया है कि लोगों के सुझावों के साथ पहले ही वर्ष में रैंकिंग को सुधारने पर काम करूंगा।

आपकी पार्टी की ही पूर्व मेयर पूनम शर्मा ठीक चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गई। इसका कांग्रेस पार्टी पर क्या असर पड़ रहा है?

पूनम शर्मा की पहचान कांग्रेस की बदौलत थी। किसी अन्य दल में शामिल होने से मुझे नहीं लगता कि एक प्रतिशत भी उसका कोई असर पडऩे वाला है। इसके विपरीत भाजपा और बसपा के नेता अपनी पार्टी को छोड़कर हमारे साथ आ रहे हैं। जिससे पार्टी को मजबूती मिलेगी।

नितिन गडकरी के स्काई बस के कांसेप्ट को किस प्रकार देखते हैं?

मेरा मानना है कि मैट्रो ही चंडीगढ़ की ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने का एकमात्र हल है। लेकिन किरण खेर मोनो रेल का राग अलाप रही हैं। दूसरी ओर नितिन गडकरी ने स्काई बस का झूठ फैलाना शुरू कर दिया है। ये केवल हवा-हवाई बातें हैं। स्काई बस एक ऐसा कांसैप्ट है जिससे शहर का पूरा अस्तित्व खतरे में आ जाएगा।

किन मुद्दों पर चुनावी मैदान में उतर रहे हैं? पांच वर्ष में क्या कुछ बदलाव आया?

सच कहूं तो मुद्दे अभी हमारे सामने सभी पुराने ही हैं। क्योंकि किरण खेर ने इन पांच वर्षों में शहर की डिवैल्पमैंट से जुड़ा कोई काम नहीं किया। जिसकी वजह से हम पांच साल पीछे हो चुके हैं। मु्द्दे अभी सफाई, ट्रांसपोर्टेशन और इंप्लाइज से जुड़े ही हैं। जो पिछले पांच वर्षों से जस के तस पड़े हैं। मैडम ने इनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया।

2014 में लगभग 70000 वोट से आपको हार मिली थी। इस बार वोटर्स का कितना भरोसा जीत पाए हैं?

पिछले चुनाव में हार क्यों हुई? मैं इस विषय पर नहीं जाऊंगा। लेकिन इस बार शहर की जनता किरण खेर के पूरी तरह से खिलाफ है। रोजाना सैंकड़ों लोगों से मिल रहा हूं। सभी भाजपा की सरकार से दुखी हैं। सब जानते हैं कि खेर ने पांच वर्षों में कोई काम नहीं किया। जिसका खामियाजा हर क्षेत्र में पिछडऩे के रूप में चंडीगढ़ को भुगतना पड़ रहा है।

आम आदमी पार्टी ने पिछले चुनावों में समीकरण बिगाड़ दिए थे। इस बार हरमोहन धवन मैदान में हैं। उनसे कितनी फाइट मिलने की उम्मीद है?

यह जरूर है कि 2014 में आम आदमी पार्टी को उम्मीद से अधिक वोट मिल गए थे, लेकिन इस बार कोई फैक्टर काम नहीं करेगा। हरमोहन धवन को मैं किसी प्रकार का खतरा नहीं मानता। हालांकि मेरा मानना है कि 2019 का चुनाव जीतना पिछले सभी चुनावों से आसान होगा।

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