चंडीगढ़ः यही हाल रहा तो अब स्वच्छता रैंकिंग में 20वां स्थान भी नहीं आएगा, जानिए क्या हो रहा
चंडीगढ़ में सफाई को लेकर कर्मचारियों और अधिकारियों का यही रवैया रहा तो इस बार स्वच्छता रैंकिंग में टॉप 20 में भी शहर के आने की उम्मीद नहीं है। सफाई कर्मचारी प्रतिदिन पत्तों को इकट्ठा करके ले जाने के स्थान पर जला रहे हैं। इससे प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। बुधवार को सेक्टर 17 में पेट्रोल पंप के पास में ही सफाई कर्मचारियों ने कचरे में आग लगा दी।
लोगों ने जब सफाई कर्मी को रोकना चाहा तो उसने अनसुना करते हुए कचरे को आगे लगा दी। इसी प्रकार सेक्टर 23 में चौक के पास भी कर्मचारियों ने कचरे में आग लगा दी थी। समाजसेवी एलआर बुधानिया का कहना है कि जब किसी कर्मचारी को आग लगाने के लिए मना करो तो वह झगड़ने को तैयार हो जाता है। ऐसे में सफाईकर्मियों को मना करना ही बंद कर दिया है।
मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़
बुधवार शाम को सेक्टर 16 के अस्पताल के बाहर किसी ने पत्तों में आग लगा थी। आग कम हुई तो धुआं अस्पताल के अंदर जाने लगा। लोगों का कहना था कि यहां प्रतिदिन कई मरीज आते हैं। इस प्रकार का प्रदूषण उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। निगम को देखना चाहिए कि कचरे में इस प्रकार आग न लगाई जाए।
प्रशासन को भेजे कई फोटो, मांगते हैं सबूत
समाजसेवी आरके गर्ग ने बताया कि कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को जले हुए कचरे और आग की फोटो भेजी हैं। उनका जवाब आता है कि कचरा जलाते हुए सफाई कर्मी का फोटो दो। किसी भी सफाई कर्मी का फोटो लिया तो विवाद की स्थिति बनेगी। ऐसे में आमजन चाहे स्वच्छता एप पर फोटो डाल दें या कहीं शिकायत कर लें। कहीं कुछ नहीं बदलने वाला है।
लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत: एमएचओ
मेडिकल हेल्थ ऑफिसर डॉ. एपी सिंह ने इस मामले में कहा कि सफाई कर्मचारी को सिर्फ पत्ते इकट्ठे करने होते हैं। उसके बाद उन पत्तों और कचरे को ट्रॉली वाला उठाता है। ट्रॉली वाले को कचरे के भार के अनुसार ही भुगतान होता है। ऐसे में कर्मचारी अपना नुकसान नहीं करेंगे। कोई आग लगा रहा है तो उसका फोटो यदि मिलता है तो कार्रवाई की जाएगी। लोगों को भी लगातार जागरूक किया जा रहा है कि वह कचरे में आग न लगाएं।