भंडाफोड़ः चंडीगढ़ में बिक रही हैं एनसीईआरटी की नकली किताबें, दिल्ली की टीम ने मारा छापा
चंडीगढ़ के बुक स्टोर पर एनसीईआरटी की नकली किताबें बेचने का भंडाफोड़ हुआ है। दिल्ली से आई एनसीईआरटी की टीम ने छापा मारकर खुलासा किया। छापा चंडीगढ़ विजलेंस के साथ मिलकर मंगलवार को सेक्टर-22 स्थित हैप्पी बुक डिपो और सेक्टर-23 स्थित सुरेश बुक डिपो पर मारा गया। इस दौरान कई नकली एनसीईआरटी की किताबें जब्त की गई।
टीम अब यह जानने में जुटी है कि नकली किताबों का प्रकाशन कहां किया गया है और इस मामले में कौन-कौन जुड़ा है। हालांकि विभाग ने रेड करने में काफी देरी कर दी है, क्योंकि अब लगभग सभी कक्षाओं की किताबें बिक चुकी हैं। जानकारी के अनुसार, दुकानों पर नए सत्र की डेढ़ करोड़ की 90 फीसदी से अधिक किताबें बेची जा चुकी हैं।
जानकारी के अनुसार, रेड करने वाले अधिकारियों में डीएसपी दीपक यादव और विजलेंस ऑपरेशन की एसपी निहारिका भट्ट शामिल रहीं। वहीं एनसीईआरटी दिल्ली की तरफ से विजलेंस एवं सिक्योरिटी ऑफिसर आशुतोष मिश्रा और असिस्टेंट प्रोडक्शन ऑफिसर विनोद कुमार आए।
अधिकारियों ने दावा किया कि चेकिंग के दौरान हैप्पी बुक डिपो से 38 और सुरेश बुक डिपो से 4 किताबें सैंपल के तौर पर ली गई हैं, जो नकली प्रतीत होती हैं। टीम ने इन किताबों को चेकिंग के लिए दिल्ली भेज दिया है। जानकारी के अनुसार, नकली किताबें छापने का कारोबार उत्तर प्रदेश से चलता है। इस पूरे घटनाक्रम की पुष्टि शिक्षा एवं विजिलेंस सेक्रेटरी बीएल शर्मा ने की है।
जागरुकता कम, डिमांड ज्यादा
ज्यादातर अभिभावक किताबों में असली और नकली का फर्क नहीं कर पाते हैं, जिसकी वजह से मार्केट में आसानी से नकली किताबें धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर दुकानदारों ने एनसीईआईटी किताबों की कमी होने के चलते भी डुप्लीकेट किताबें प्रिंट करवाकर उन्हें बेचना शुरु कर दी हैं। नियमों के तहत एनसीईआरटी किताबों को कोई भी प्राइवेट पब्लिशर बिना अनुमित के प्रकाशित नहीं कर सकता है।
प्राइवेट स्कूलों और पब्लिशर्स की मिलीभगत से चल रहा खेल
हर साल एनसीईआरटी की किताबों की कमी के कारण लोकल विक्रेता एनसीईआरटी बुक्स को अपने स्तर पर प्रकाशित करवाकर उन्हें महंगे दामों पर बेचते हैं। चंडीगढ़ से पहले भी शिक्षा विभाग के पास इस तरह की शिकायतें आ चुकी हैं। प्राइवेट स्कूलों द्वारा अभिभावकों को एक निर्धारित बुकशॉप से ही किताबें खरीदने के लिए पर्ची दे दी जाती है। प्राइवेट स्कूल ऐसी किताबें सिलेबस में शामिल करते हैं, जो सिर्फ स्कूलों द्वारा निर्धारित बुकशॉप पर ही मिलती हैं। प्राइवेट किताबों में कमीशनखोरी के चलते प्राइवेट स्कूलों का यह खेल जारी है।
कैसे पता करें किताब असली है या नकली?
जानकारों के अनुसार, एनसीईआरटी की किताब में पन्नों पर वाटरमार्क होता है। इसलिए लगातार आठ पन्नों की जांच करें, आपको कम से कम दो पन्नों पर वॉटरमार्क मिलेगा। यदि इनमें से किसी पर वॉटरमार्क नहीं मिलता है, तो इसका मतलब है कि आपकी किताब नकली है।
नकली होने पर कहां करें शिकायत
फर्जी एनसीईआरटी किताबों को लेकर vigleg.ncn@gmail.com पर ई-मेल के माध्यम से शिकायत की जा सकती है। अगर कोई बुक स्टोर कीमत से ज्यादा रुपये वसूल रहा है तो उसकी भी इसी ई-मेल पर शिकायत कर सकते हैं।
बहुत सी निकली किताबें बरामद
जानकारी मिलते ही हमने बुक स्टोर्स पर छापा मारा और दोनो दुकानों से एनसीआरटी की नकली किताबें बरामद हुई। इस दौरान विजिलेंस एसपी भी टीम के साथ मौजूद रहे। दुकानदारों ने क्रिमिनल लॉ के नियमों को तोड़ा हैं, इसीलिए उनका सामान जब्त कर लिया गया है और आगे की कारवाई के लिए जांच की जा रही है।