लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने के लिए जिला प्रशासन एक अहम कदम उठाने वाला है। जिला प्रशासन जल्द ही गुरुग्राम से डीजल के 15 साल और पेट्रोल के 10 साल पुराने वाहनों को को बंद करेगा। इसके लिए 2 नवंबर को होने वाली बैठक में कार्रवाई को लेकर योजना भी तैयार की जाएगी। ऐसे में, यदि आपका वाहन निर्धारित समय से ज्यादा का हो गया तो उसे सड़कों पर नहीं उतार सकते।
गुरुग्राम जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने बताया कि अब दिल्ली की तरह गुरुग्राम में भी अपनी आयु पूरी चुकी गाड़ियां सड़कों पर नजर नहीं आएंगी। इसके लिए जिला प्रशासन 2 नवंबर को योजना तैयार करने जा रहा है। एनजीटी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कई दफा ये आदेश कर चुका है कि ऐसे वाहनों से प्रदूषण बढ़ रहा है, जिस पर तुरंत प्रभाव से काम किया जाना चाहिए। ऐसे वाहनों को पूरी तरह से बैन किया जाना चाहिए। दिल्ली में पहले ही इस एडवाइजरी पर काम हो रहा है, वहीं अब गुरुग्राम में भी 2 नवंबर से प्रशासन ऐसे वाहनों को बैन करने के लिए योजना बना रहा है।
गौरतलब है कि साइबर सिटी गुरुग्राम दिल्ली के बाद अब पूरी तरह से प्रदूषण की चपेट में है। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामाना करना पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनजीटी ने भी सख्त हिदायत दी हुई है कि प्रदूषण को कम करने के लिए कड़े कदम उठाये जाएं। गुरुग्राम में वाहनों के साथ-साथ कंस्ट्रक्शन से होने वाला प्रदूषण सबसे ज्यादा है। इससे शहर का मिजाज भी बदल रहा है।
जिला उपायुक्त ने बताया कि गुरुग्राम शहर में सड़कों के किनारे लगे पेड़ों पर पानी के छिड़काव किया जा रहा है। वहीं, शहर में कंट्रक्शन पर भी रोक लगा दी गई है। गुरुग्राम में 1 नवंबर से 10 नवंबर तक ईंट के भट्टे और कंस्ट्रक्शन पर रोक है। कंस्ट्रक्शन और वाहनों के धुएं से लगातार पीएम 2.5 की मात्रा हवा में बढ़ रही है।