तेज तर्रार कार्यशैली के लिए मशहूर यू.टी. के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर के नवनियुक्त सलाहकार मनोज परिदा ने बुधवार को कार्यभार ग्रहण करने के बाद जहां अपने अधिकारियों का हौसला बढ़ाया वहीं उन्हें रूटीन के कामकाज में लापरवाही न बरतने की भी नसीहत दी।
उन्होंने स्टाफ व अधिकारियों को कहा कि वह उनकी सुविधा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे लेकिन कामकाज में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए, खासतौर से लोगों से जुड़े मुद्दों पर। एडवाइजर ने कहा कि बेहतर काम करना ही उनकी प्राथमिकता है।
चंडीगढ़ को सुरक्षित और सुंदर बनाना ही हमारा लक्ष्य है। बैठक के बाद एडवाइजर सीधे यू.टी. सचिवालय पहुंचे, जहां उन्होंने अपना कार्यभार संभाल लिया। यहां पर कुछ देर ही रूकने के बाद वह यू.टी. प्रशासक से मिलने के लिए पंजाब राजभवन के लिए रवाना हो गए।
एयरपोर्ट से सीधे यू.टी. गैस्ट हाऊस पहुंचे, पुलिस से मिला गार्ड ऑफ ऑनर
मीटिंग लेने से पहले बुधवार को दिल्ली से चंडीगढ़, एयरपोर्ट, आकर एडवाइजर मनोज परिदा सीधे यू.टी. गैस्ट हाउस पहुंचे। यहां चंडीगढ़ प्रशासन, नगर निगम,हाऊसिंग बोर्ड,समेत, चंडीगढ़ पुलिस व अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इनमें यू.टी. गैस्ट हाऊस पहुंचने पर वित्त सचिव आई.ए.एस. अजोय कुमार सिन्हा ने बुके देकर उनका स्वागत किया।
इस दौरान चंडीगढ़ पुलिस की ओर से एडवाइजर परिदा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद एडवाइजर ने यू.टी. गैस्ट हाउस के सभागार में मौजूद सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मौजूद डी.जी.पी. संजय बेनीवाल, फाइनैंस सैक्रेट्री अजोय कुमार सिन्हा, डी.सी. मनदीप सिंह बराड़, निगम कमिश्नर के.के. यादव, एक्साइज टैक्सेशन कमिश्नर जितेंद्र यादव सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से एडवाइजर का परिचय कराया गया।
पुड्डुचेरी के मुख्य सचिव पद पर रहे परिदा
मूल रूप से उड़ीसा के रहने वाले मनोज कुमार परिदा यू.टी. कैडर के 1986 बैच के अधिकारी हैं। पिछले माह ही उन्हें दिल्ली वित्त निगम का अध्यक्ष व एम.डी. नियुक्त किया गया था। हाल ही में उन्हें पहले दिल्ली का मुख्य सचिव बनाया जा रहा था, लेकिन विजय देव के मुख्य सचिव नियुक्त होने के बाद मनोज परिदा को एडवाइजर परिमल राय के स्थान पर नियुक्त कर दिया गया।
मनोज परिदा पुड्डुचेरी के मुख्य सचिव के पद पर भी कार्यरत रहे लेकिन उनकी वहां की उपराज्यपाल किरण बेदी से नहीं बन पाई, जिसके कारण उन्हें नवम्बर 2017 में दिल्ली बुला लिया गया था। दिल्ली सरकार में उन्हें गृह सचिव नियुक्त किया गया।