पी.जी.आई. में आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की मदद के लिए अब ऑनलाइन डोनेशन की जा सकेगी। पी.जी.आई. प्रशासन ने इसे ऑफिशियली वैबसाइट पर शुरू किया है। बता दें कि अब तक चैक या कैश के जरिए भी डोनेशन की जा सकती थी, लेकिन अब डोनर घर या दूर दराज बैठे भी मरीजों की आर्थिक मदद के लिए डोनेशन कर सकेंगे।
वैब पेज पर डोनेट फॉर पुअर पैशेंट पर क्लिक कर यूजर इसका इस्तेमाल कर सकेगा। ऑनलाइन ट्रांसपैरेंसी के लिए यूजर्स ऑनलाइन रिस्सपट भी डाउनलोड कर पाएगा। आर्थिक तंगी को पी.जी.आई. का पुअर पैशेंट असिस्टैंट सैल इन मरीजों की जीने की उम्मीदों को पूरा कर रहा है। यह सैल हर साल गरीबी रेखा से नीचे 10 हजार मरीजों को न सिर्फ खर्च वहन करता आ रहा है।
पब्लिक डोनेशन, गर्वमैंट ग्रांट और पेशैंट गाइडैंस के जरिए गरीबी रेखा से नीचे इन मरीजों की मदद की जाती है। एक्सीडैंटल, ट्रॉमा, एमरजैंसी, किडनी, वॉर्ड में एडमिट गंभीर मरीज, न्यूरो की संबधित से बिमारी के साथ-साथ कई और बिमारियों के गरीब मरीजों को इस सैल द्रारा मदद की जाती है। सैल पुअर पैशेंट सेल की सुविधा लेने के लिए गरीबी रेखा से नीचे के मरीज को संबधित विभाग का डाक्टर इलाज के खर्चे का आंकलन बता देता है। बी.पी.एल, राशन कार्ड आदि चैक कर उसे पुअर पेशेंट सैल में रैफर किया जाता है। मरीज की जांच पड़ताल करने के बाद उसे पुअर फ्री कर दिया जाता है।
पिछले साल 1973 मरीजों का किया था इलाज :
पुअर पैशेंट सैल में प्राइवेट डोनेशन भी की जाती है, जिसके लिए बकायदा डोनेशन करने वाले को इनकम टैक्स में छूट दी जाती है। साल 2016-2017 में पी.जी.आई. फंड में 59 लाख डोनेट हुए थे, जबकि साल 2014-2015 में 29 लाख डोनेट हुए थे।
साल 2015 से 2016 के बीच में 37 लाख रुपए डोनेट हुए थे। 2017-2018 में अब तक 83 लाख डोनेट हुए है। साल 2015-2016 में इस डोनेशन की बदौलत 1728 मरीजों को लाभ हुआ था। 2016-2017 में 1973 मरीजों का इलाज इस सैल ने करवाया था।