पंजाब नेशनल बैंक में 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले में आरोपी मेहुल चौकसी का चंडीगढ़ कनेक्शन सामने आया है, जानकर सरकार के होश उड़ जाएंगे।
दरअसल, चंडीगढ़ की अदालत पिछले साल एक करोड़ रुपये के चेक बाउंस के मामले में भगोड़ा करार दे चुकी है। इस केस में गीतांजलि ज्वैलर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर आरोपी मेहुल चौकसी समेत डायरेक्टर शिव रमन नेयर और अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता विपुल चैतालिया भी आरोपी हैं। मामले में जिस बैंक अकाउंट के चेक दिए गए थे, कोर्ट ने उस अकाउंट को अटैच करने के भी आदेश दिए थे।
चेक बाउंस होने पर भी आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए, जिस पर अदालत ने मेहुल चौकसी सहित अन्य आरोपियों को भगोड़ा करार दिया था। वर्ष 2017 से तीन वर्ष पूर्व आरोपियों ने शहर के ज्वैलरी रिटेलर तारा ज्वैलर्स को फ्रेंचाइजी देते हुए रिटर्न अमाउंट के लिए तीन चेक दिए थे। इनमें 30 लाख रुपये का एक चेक और अन्य दो चेक 35-35 लाख रुपये के थे। जनवरी 2012 में शिकायतकर्ता प्रांशु गुप्ता आरोपियों के संपर्क में आए थे।
आरोपियों ने सेक्टर-22 में स्टोर चलाने में परेशानियां होने की बात कहते हुए प्रांशु और उनके पार्टनर रजत गुप्ता को उसी वर्ष स्टोर सौंप दिया। एक करोड़ रुपये सिक्योरिटी अमाउंट देने के बाद प्रांशु व उनके पार्टनर ने बिजनेस शुरू किया। बकौल शिकायतकर्ता कंपनी के वादे और बिजनेस की शर्र्तें सही नहीं होने से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा और उन्होंने फ्रेंचाइजी छोड़कर आरोपियों से सिक्योरिटी अमाउंट की डिमांड की।
बार-बार डिमांड करने के बाद कंपनी ने जून 2014 में उन्हें तीन चेक दिए। 30 लाख रुपये का पहला चेक 1 जून 2014 को, 35 लाख रुपये का दूसरा चेक 12 जून को 2014 को और 35 लाख रुपये का ही तीसरा चेक 24 जून 2014 को दिया गया। तीनों चेक मुंबई, निर्माण प्वाइंट ब्रांच के एक निजी बैंक के थे। शिकायतकर्ता ने जब इन चेकों को अपने बैंक में लगाया तो वे डिशऑनर, बाउंस हो गए।
इसके बाद शिकायतकर्ता ने सबसे पहले चंडीगढ़ के एसएसपी को पब्लिक विंडो के माध्यम से शिकायत की और फिर कोर्ट में शिकायत दी। इसके बाद अदालत ने आरोपी मेहुल चौकसी समेत अन्य आरोपियों को पेश नहीं होने पर भगोड़ा करार देकर दिए गए चेक के बैंक खाते को भी अटैच करने के आदेश दिए गए थे।