Chandigarh Air Quality

Pollution Level Reached On Dangerous Level In Chandigarh

चंडीगढ़ की आबोहवा दिन प्रतिदिन जहरीली होती जा रही है। आलम यह है कि प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी के बहुत करीब पहुंच गया है। शनिवार को शहर के इंडस्ट्रियल एरिया का एयर क्वालिटी बेहद खराब की स्थिति में रहा। चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी की तरफ से जारी एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में इंडस्ट्रियल एरिया की एयर क्वॉलिटी 375 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। वहीं सेक्टर-12 पेक में 346 दर्ज किया गया, जोकि बेहद खराब माना जाता है। सेक्टर-39 व कैंबवाला की एयर क्वालिटी भी खराब की श्रेणी में ही रही। जानकारों की माने तो ऐसी हवा में सांस लेने से व्यक्ति को फेफडे़ व दिल की गंभीर बीमारी हो सकती है।

सेक्टर-17 में शनिवार शाम एयर क्वालिटी 157 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया जो मध्यम खराब की श्रेणी में आता है। वहीं सेक्टर-50 की एयर क्वालिटी भी 157 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर दर्ज की गई। आमतौर पर 100 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर से नीचे का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानि एक्यूआई सुरक्षित माना जाता है। लेकिन अगर यह इंडेक्स 100 से ज्यादा हो जाए तो इसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। यह स्थिति किसी भी शहर के लिए गंभीर होती है। मगर चंडीगढ़ में यह इंडेक्स 100 या 200 नहीं बल्कि 350 से भी ऊपर चला गया है। गौरतलब है कि चंडीगढ़ देश का ऐसा शहर है जहां जनसंख्या के मुकाबले किसी भी दूसरे शहर से ज्यादा वाहन है। लगातार सड़कों पर बढ़ते वाहन के चलते चंडीगढ़ में प्रदूषण की स्थिति किसी भी समय और भी ज्यादा बिगड़ सकती है।

एयर क्वालिटी खराब होने की वजह बढ़ती ठंड

चंडीगढ़ पर्यावरण विभाग के निदेशक देवेंद्र दलई भी मानते हैं कि इस समय शहर के हवा की स्थिति अच्छी नहीं है। उनके अनुसार इसका सबसे बड़ा कारण शहर में बढ़ती सर्दी है। ठंड बढ़ने से हवा भारी हो जाती है और प्रदूषण हवा से बाहर नहीं निकल पाता, इसलिए वह हवा में ही रह जाता है जिसकी वजह से शहर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है।

चंडीगढ़ में प्रति हजार व्यक्तियों पर वाहनों की संख्या काफी ज्यादा है, जिस वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है। लोगों को यह समझना होगा कि बेशक चंडीगढ़ हरा भरा शहर है, लेकिन अगर वह वाहनों का प्रयोग ज्यादा करेंगे और पर्यावरण के बारे में नहीं सोचेंगे तो चंडीगढ़ भी दिल्ली की तरह दूषित हो जाएगा। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे पारा गिरेगा वैसे प्रदूषण और भी बढ़ सकता है। कोहरे में स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी।

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