साफ-सफाई की वजह से PU हॉस्टलो के स्टूडैंट में फैल रहा स्कैबीज
पंजाब यूनिवर्सिटी (पी.यू.) के स्टूडैंट में ज्यादा स्कैबीज की बीमारी की समस्या देखने को मिल रही है। स्कैबीज यानि लाल रंग के रैशेज जिनसे खुजली की समस्या जो पूरी साफ-सफाई न होने के कारण होती है। हॉस्टल में रहने वाले स्टूडैंट में ज्यादा यह समस्या देखने में आ रही है। उधर, पी.यू. प्रबंधन भी स्टूडैंट की साफ-सफाई की ओर ज्यादा ध्यान नहीं देता।
साफ-सफाई न होने से स्टूडैंट को आती है यह समस्या
जानकारी के मुताबिक पी.यू. स्थित हैल्थ सैंटर में स्कैबीज के मरीज इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। हास्टलों में साफ-सफाई से न होने से स्टूडैंट को यह समस्या आती है। पी.यू. की डिस्पैंसरी में हर माह 20 -25 स्टूडैंट डिस्पैंसरी में अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं।
हर वर्ष डिस्पैंसरी में 300 के करीब स्टूडैंट स्कैबीज में अपना इलाज करवाने आते हैं। हॉस्टल में रह रहे एक स्टूडैंट को स्कैबीज होने पर दूसरे स्टूडैंट में भी यह समस्या हो जाती है। हॉस्टलों में बड़ी संख्या में स्टूडैंट रहते हैं। एक दूसरे के कपड़ों को पहनना,टॉवल का प्रयोग करना उनके लिए आम बात बन जाती है। ऐसे में स्कैबीज फै लता है।
स्टूडैंट करते रहे हैं साफ-सफाई की मांग
हॉस्टल में रहने वाले स्टूडैंट कई बारी पी.यू. के शौचालयों, और मैस में सफाई का पूरा प्रबंध न होने का मुद्दा उठाते हंै। हर बार मुद्दों पर कमेटियां बनाई जाती हैं। लेकिन वह सभी धरी की धरी रह जाती है। ध्यान रहे कि पी.यू. में इस समय 19 हॉस्टल है। हर एक हॉस्टल में 400 के करीब स्टूडैंट रहते हैं
स्कैबीज के लक्षण
जिन घरों में पालतू कुत्ते होते हैं उस परिवार के किसी सदस्य को स्कैबीज की समस्या हो जाती है तो उनके पूरे परिवार को डिस्पैंसरी में बुलाकर इलाज किया जाता है। वहीं जो स्टूडैंट एक साथ एक कमरे में रहते है उन्हें भी डिस्पैंसरी बुलाकर उनका इलाज किया जाता है।
स्कैबीज होने पर त्वचा लाल रंग की हो जाती है,या त्वचा पर लाल रंग के छोटे-छोटे दाने हो जाते है । इनमें रात के समय बेहद खारिश होती है। यह एक-दूसरे की त्वचा के संपर्क में आने से फैलती है।