अगले साल गर्मियों में सुखना लेक के सूखने की बेशक नौबत नहीं आएगी लेकिन फॉरेस्ट एरिया में पानी को पहुंचाने के लिए अब चंडीगढ़ रिन्यूएबल एनर्जी एंड साइंस एंड टैक्नोलॉजी प्रोमोशन सोसाइटी (क्रेस्ट) जल्द ही एक नई तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है। सुखना सैंक्चुरी के नेपली और कांसल फॉरेस्ट में अब सोलर फोटोवॉल्टिक वाटर पंपिंग सिस्टम से पानी भेजा जाएगा। क्रेस्ट ने जो प्लानिंग की है उसके अनुसार नेपली और कांसल फॉरेस्ट के लिए दो पंप खरीदे जाएंगे। जिन्हें इस्तेमाल करने के लिए बिजली का इस्तेमाल नहीं होगा।
इसकी बजाय सोलर एनर्जी की बदौलत सुखना सैंक्चुरी के दूर दराज इलाकों तक भी पानी आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। सूत्रों की मानें तो यह फैसला इसलिए भी लिया गया है ताकि फॉरेस्ट एरिया में वन्य जीवों को पानी पहुंचाने के प्रोसैस के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। सूत्रों की मानें तो एक पंप 1800 वॉट पीक कैपेसिटी का होगा जिससे कि लेक में बनाए गए हरेक डेम को आसानी से भरा जा सके। गौरतलब है कि यू.टी. के फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट की ओर से लेक में कुछ और डेम बनाए गए हैं।
17 को होगी ट्रैकिंग, रूट बदला
सुखना सैंक्चुरी में 17 नवम्बर को ट्रैकिंग का आयोजन किया जा रहा है। इससे पहले फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट की ओर से ट्रैक का रूट बदल दिया गया है। जबसे सैंक्चुरी में ट्रैकिंग का आयोजन किया जा रहा है यह पहली बार होगा कि नए ट्रैक में लोग चलेंगे। अधिकारियों के अनुसार ऐसा इसलिए किया गया है ताकि लोग सैंक्चुरी के अन्य हिस्सों तक भी जा सकें। इसके अतिरिक्त वन्य जीवों को भी लोगों की पहुंच से दूर रखा जा सके। ट्रैकिंग सुबह 7 बजे शुरू होगी।