अकेली लड़की रात में देख मन में बुरा ख्याल आया
आईएएस की बेटी वर्णिका कुंडू से छेड़छाड़ मामले में आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई तो एक बात खुलकर सामने आई, जो काफी चौंकाने वाली है। मामले में आरोपी हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के बेटे विकास बराला और उसके दोस्त आशीष कुमार की जमानत याचिका एसीजेएम कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी।
इससे पहले बचाव और अभियोजन पक्ष की ओर से याचिका पर लंबी बहस की गई। करीब एक घंटे चली बहस के बाद अदालत ने इसे खारिज कर दिया। याचिका पर सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के पिता और आईएएस खुद मौजूद रहे।
पुलिस ने केस के लिए प्रशासन से मांगा सीनियर वकील
थाना पुलिस की ओर से केस की पैरवी के लिए प्रशासन से सीनियर सरकारी वकील मुहैया कराने की अपील की गई थी। इस पर प्रशासन की ओर से डिस्ट्रिक्ट अटार्नी (डीए) को इस संबंध में आदेश दिए गए थे। डिस्ट्रिक्ट अटार्नी की ओर से सीनियर सरकारी वकील (डीए) मन्नु कक्कड़ को केस की पैरवी सौंपी है। इस केस से जुड़ी सभी सुनवाई में मन्नु कक्कड़ ही स्टेट की ओर से पैरवी करेंगे।
बचाव पक्ष की दलील
बचाव पक्ष के अनुसार युवती की ओर से दर्ज एफआईआर के अंत में उसने खुद कहा है कि उसने सोचा कि कार सवार दोनों युवक उसका पीछा कर रहे हैं और उसके अपहरण का प्रयास कर रहे हैं। घटना 12 से एक बजे के बीच की है तो एफआईआर का वक्त सुबह 5 बजे क्यों हैं। खुद पीड़िता ने मौके पर जाकर दोनों की पहचान क्यों नहीं की। इसके अलावा केस में अतिरिक्त धाराएं मीडिया ट्रायल, धरना-प्रदर्शन, कैंडल मार्च के बाद पुलिस ने दबाव में जोड़ी, जो कि इस केस में बनती ही नहीं हैं।
विकास के पिता एक पार्टी से जुड़े हैं और बड़े पद पर हैं तो इसे राजनीतिक रंग दिया गया। बचाव पक्ष के अनुसार पुलिस की जांच समाप्त हो चुकी है और पुलिस को उनसे र्कोअ रिकवरी भी नहीं करनी है। साथ ही दोनों पिछले करीब 20 दिन से जेल में हैं। इस आधार पर दोनों को जमानत का लाभ दिया जाए।
अभियोजन पक्ष की दलील
याचिका पर बहस करते हुए सीनियर सरकारी वकील ने कहा कि, आरोपियों ने पुलिस को दी डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में साफ कहा है कि ‘उन्हें रात में कार में एक लड़की अकेली जाती दिखी थी। उसे देख उनके मन में बुरा ख्याल आया। इसके बाद उन्होंने उसका पीछा शुरू कर दिया और उसके अपहरण का प्रयास किया।’ इससे साफ है कि दोनों की नजर में महिलाओं का कोई सम्मान नहीं है।
वहीं सरकारी वकील ने अदालत को उसी रात की घटना से कुछ देर पहले की कुछ सीसीटीवी फुटेज भी पेश की जिसमें विकास और आशीष सेक्टर-9 स्थित एक दुकान से शराब लेते दिखाई दिए थे। इसके अलावा सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि दोनों आरोपियों ने उस रात पीड़िता का 45 मिनट तक और 5.80 किमी तक पीछा किया। इसके बाद दोनों मौके से ही गिरफ्तार किए गए।
वहीं बचाव पक्ष की दलील कि पीड़िता ने सोचा कि दोनों उसका अपहरण करने का प्रयास कर रहे हैं, पर सरकारी वकील ने कहा कि एफआईआर के विषय में पीड़िता ने साफ-साफ लिखा है कि उसका पीछा करने, छेड़छाड़ और अपहरण का प्रयास किया गया। इसके अलावा उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि अदालत मानती है कि ऐसे मामलों में जिसमें आरोपी किसी बड़ राजनीतिक घराने से संबंध रखते हैं उसमें जमानत देने पर केस पर असर पड़ता है।