भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का बचाव किया और उन अंध राष्ट्रवादियों की निंदा की जो ‘राई का पहाड़’ बना रहे हैं।
भाकपा के मंगलवार को यहां जारी बयान में कहा गया कि सिद्धू वहां अपने क्रिकेट मित्र के निजी निमंत्रण पर गए थे। वह वहां न तो केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में थे न राज्य के बल्कि वह उन लाखों पंजाबियों और भारतीयों का प्रतिनिधित्व जरूर कर रहे थे जो शांति चाहते हैं और इमरान खान से उम्मीद के खिलाफ उम्मीद किए हुए हैं कि वह इस प्रक्रिया में अपना योगदान देंगे।पार्टी की डा. जोगिंद्र दयाल की अध्यक्षता में यहां बैठक के बाद भाकपा नेता बंत सिंह बराड़ ने कहा कि सिद्धू केंद्र सरकार की अनुमति से पाकिस्तान गए थे और केंद्र सरकार चाहती तो उसे रोकती। बराड़ ने कहा कि पार्टी का यह मानना है कि पाकिस्तान तथा अन्य पड़ोसी देशों से बातचीत के जरिए मतभेद, टकराव सुलझाए जाने चाहिएं।
उन्होंने आरोप लगाया कि यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पाकिस्तान में इंटर सर्विसेज इंटैलीजैंस जैसे तत्व यह नहीं चाहते क्योंकि उनकी राजनीति पड़ोसियों और अल्पसंख्यकों के प्रति घृणा पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इसीलिए सिद्धू को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उनका पाकिस्तान से लौटने पर पंजाब में जैसा स्वागत किया गया, उससे शांति की पहल की उम्मीद जगती है। उन्होंने कहा हालांकि सिद्धू निजी यात्रा पर थे लेकिन पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री ने उन्हें ‘शांति के दूत’ करार दिया।