डेरा सिरसा मुखी राम रहीम के लिए अरामदार व नए तरीके से गाड़ियों को मोडिफाई करने वाले मेकेनिक ने ही मौड़ बम ब्लास्ट में उपयोग की गई मारुति कार में आरडीएक्स को फिट किया था। इस बात का खुलासा तब हुआ जब चार लोगों की तरफ से उक्त कार की पहचान कर ली गई।
पहचान करने वालों में एक पेंटर भी बताया जा रहा है। उक्त मामले की जांच के लिए बनाई एसआईटी के अधिकारी एआईजी इंटेलिजेंस स्वप्न शर्मा और डीआईजी रणबीर खटड़ा के अलावा एक इंस्पेक्टर ने वीरवार को उक्त चारों गवाहों को तलवंडी की अदालत में पेश कर उनके ब्यान दर्ज करवाए। उक्त मामले पर एसआईटी के अधिकारी किसी भी तरह की बात करने से इंकार कर रहे है।
20 से 25 लाख में का खर्च आया था
सूत्रों ने बताया कि जिस मारुति कार को मौड़ बम बलास्ट में उपयोग किया गया था, वह डेरे के अंदर एक ब्लाक में तैयार की गई थी और उस कार को तैयार करने में बीस से 25 लाख रुपये तक का खर्च आया था। सूत्रों का कहना है कि उक्त कार को उसी कार मेकेनिक ने मोडिफाई कर कार में आरडीएक्स लगाया था जो डेरामुखी के लिए गाड़ियों को मोडिफाई करता है।
सूत्रों ने बताया कि यह मेकेनिक डेरा सिरसा में ही रहता था और डेरे की ही गाड़ियों का काम करता था। जिसके बदले में उसे अच्छा खासा वेतन डेरे की ओर से दिया जाता था। यह शुरू से ही सामने निकल के आ रहा था कि मौड़ बम बलास्ट के तार सिरसा से जुड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि एक कांग्रेस नेता को बम से उड़ाने की तैयारी सिरसा में ही की गई थी। कार मेकेनिक के कहने पर ही उस कार को कबाड़ में खरीदा गया था और उस पर फर्जी स्कूटर नंबर लगाया गया, ताकि घटना के बाद कुछ आसानी से पता न चल सकें
सूत्रों ने बताया कि उक्त मामले की जांच कर रही एसआईटी की टीम बहुत ज्लद डेरे के उस ब्लाक का दौरा कर जांच करेगी जहां पर उक्त मारूति कार को तैयार किया गया था । सूत्रों ने बताया कि कार में जिस तरीके से आर डी एक्स फिट किया गया था उस से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आर डी एक्स फिट करने वाला कार मकेनिक इस काम में पूरा माहिर था और हो सकता है कि वो किसी आंतकी संगठन के लिए भी काम कर चुका हो ।
एसआईटी अधिकारियों के अलग अलग ब्यान मामले को बना रहे संदिगधएसआईटी में शामिल एआईजी इंटेलिजेंस स्वपन शर्मा का कहना है कि उक्त मामले में अभी देर लगेगी क्यों कि लंबर प्रोसैस है । अभी कुछ कहना ज्लदबाजी होगी । वहीं दूसरी तरफ इसी एसआईटी में शामिल डीआईजी खटडा दावा कर रहे है कि पुलिस उक्त मामले का खुलासा ज्लद करेगी, पुलिस मामले के बहुत करीब पहुंच गई है।
वहीं मौड बम बलास्ट में अपनों को खोह चुके पीडितों ने कहा कि पुलिस अधिकारियों के उक्त दोमुंहे ब्यान मामले को संदिगध बना रहे है। अगर पुलिस मामले के करीब पहुंच गई है तो वो जनतक क्यों नही कर रही कि आखीर उक्त बम बलास्ट में किसका हाथ था ।