जेएनएन. चंडीगढ़। मिशन 2019 के एजेंडे के तहत किसान वोट बैंक को लेकर कैप्टन सरकार की ओर से अब मालपवा के साथ-साथ माझा और दोआबा पर विशेष फोकस किया जाएगा। इसके लिए सरकार विधानसभा के बजट सत्र से पहले माझा में किसान कर्ज माफी का दूसरा पड़ाव पूरा करना चाहती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस संबंध में कृषि, सहकारिता, माल और वित्त विभाग ने अपने स्तर पर कोआर्डीनेशन करके तैयारियां पूरी कर ली हैं और इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कैप्टन के दरबार में भेज दी हैं। सहकारिता और कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार सरकार ने फैसला किया है कि इस योजना के दूसरे पड़ाव में मार्च और अप्रैल तक शेष रहते 4 लाख 37 हजार योग्य किसानों को राहत प्रदान की जाएगी।
यहां यह भी बताने योग्य है कि किसान कर्ज माफी के पहले चरण के तहत मालवा के पांच जिलों में छोटे किसानों के दो लाख रुपए तक के सहकारी बैंकों के कर्ज माफ किए जाने का लक्ष्.य रखा गया था। परंतु कर्ज माफी की लिस्टों में गड़बड़ी होने के कारण सरकार की काफी किरकिरी हो गई थी। इसके साथ ही विरोधियों को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया।
सूत्रों के अनुसार, दूसरे पड़ाव के तहत जालंधर और गुरदासपुर में बड़े समारोह करवाने की योजना तैयार की गई है। जिला स्तर पर संबंधित जिलों को डिप्टी कमीश्नर्स के माध्यम से योग्य किसानों की सूचियां फाइनल कर ली गई हैं। उम्मीद है कि 15 या 17 मार्च से इस योजना के दूसरे चरण का काम शुरू कर दिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार सरकार का फोकस अब दोआबा और माझा में है क्योंकि यहां पर कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई थी। कहा जा रहा है कि इसके लिए मुख्यमंत्री की ओर से 600 करोड़ रुपये की मंजूरी मुख्यमंत्रई की ओर से दी जा चुकी है।
वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल का कहना है कि किसान कर्ज के दूसरे पड़ाव के लिए संबंधित विभाग तैयारियां कर रहे हैं। इस संबंध में होने वाले समारोह का पैसला मुख्यमंत्री की ओर से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी के बजट के संबंध में वित्त विभाग की ओर से अपने स्तर पर मंजूरी दी जा चुकी है। पहले पड़ाव में 5 लाख 63 हजार किसानों को राहत देने का लक्ष्य तय किया गया था जिससे सरकारी खजाने पर 2700 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा।