गुरु’ नाम से जाने जाते पंजाब के स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एक्शन में आते हुए अपने विभाग में भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान को आगे बढ़ाते हुए अमृतसर के गलियारा प्रोजैक्ट से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
उन्होंने जांच के आधार पर एक एस.टी.पी. को निष्कासित करने के अलावा 3 अधिकारियों को निचले पदों पर रिवर्ट किया है। इसके अलावा 7 अधिकारियों की पैंशन में कटौती की है। सिद्धू ने कार्रवाई की घोषणा करते हुए कहा कि विभाग में भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सिद्धू ने कहा कि गलियारा प्रोजैक्ट से संबंधित म्यूनिसीपल कार्पोरेशन अमृतसर में तैनात रहे अधिकारियों को अपने कार्य में कोताही बरतने, म्यूनिसीपल कार्पोरेशन एक्ट व पंजाब सिविल सॢवसिज रूल्स के नियम 8 के प्रावधानों की उल्लंघना करने के मामले में चार्जशीट किया गया है। इन अधिकारियों से टिप्पणियां प्राप्त करने के बाद सेवानिवृत्त अतिरिक्त जिला जज बी.सी. गुप्ता को जांच अधिकारी नियुक्त करके जांच करवाई गई थी।
इनके खिलाफ हुई कार्रवाई
अमृतसर के उस समय के सीनियर टाऊन प्लानर (एस.टी.पी.) हेमंत बत्तरा को निष्कासित करने के आदेश जारी किए गए हैं। अन्य 3 अधिकारियों ए.टी.पी. बांके बिहारी व राजेंद्र शर्मा तथा हरजिंद्र सिंह बिल्डिंग इंस्पैक्टर को अपने मौजूदा पद से एक पद नीचे रिवर्ट करने की कार्रवाई की है। इसके अलावा एस.टी.पी. शक्ति शंकर भाटिया, एम.टी.पी. देशराज, ए.टी.पी. सुरजीत सिंह, रमेश चंद्र, सुरेश राज, मनोहर सिंह भट्टी, बिल्डिंग इंस्पैक्टर माइकल को 3 वर्ष के लिए पैंशन में 50 प्रतिशत कटौती की सजा देने का फैसला किया है।
सभी अधिकारियों को पक्ष रखने के दिए गए मौके
यह जांच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा सी.डब्ल्यू.पी. 14900 ऑफ 2010 के मामले में दिए गए दिशा-निर्देशों के बाद करवाई गई थी। इस जांच में सामने आया था कि उपरोक्त परियोजना संबंधी निर्माण उप-नियमों का उल्लंघन, गलियारे के बीच वाली और इसके इर्द-गिर्द की रिहायशी इमारतों को बिना आज्ञा अवैध तरीके से होटलों, सरायों और गैस्ट हाऊसों में तबदील करने और इस संबंधी योग्य अथॉरिटी से आज्ञा न लेने तथा कन्वर्शन चार्ज अदा न करने की बात सामने आई थी। प्रवक्ता ने बताया कि सभी अधिकारियों को अपना पक्ष रखने के पूरे मौके दिए गए थे।