चंडीगढ़ में सिख महिलाओं को हेलमेट पहनने से छूट देने के मामले में यूटी प्रशासन असमंजस में है। गृहमंत्रालय से मिली नसीहत के बाद सभी सिख महिलाओं को जल्द ही हेलमेट पहनने से छूट मिल सकती है। इसके लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यूटी प्रशासन से सिख महिलाओं को छूट दिए जाने के साथ ही नोटिफिकेशन को वापस लिए जाने को कहा है।
मोटर वाहन अधिनियम 194 में परिवर्तन होने के बाद सिख महिलाओं को हेलमेट पहनने में छूट मिल सकती है। अधिनियम में परिवर्तन करने के बाद इसे लागू करने में यूटी प्रशासन को अभी तकरीबन दो माह का समय लग जाएगा। जानकारी के मुताबिक गुरुवार को इस मुद्दे को लेकर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।
इसके बाद गृह मंत्रालय की ओर से यह निर्देश जारी किया गया है। शिरोमणि अकाली दल की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल को राजनाथ सिंह ने यह भरोसा दिलाया है कि जुलाई 2018 में जारी किए सिख महिलाओं के लिए चंडीगढ़ में हेलमेट को आवश्यक बनाने वाले नोटिफिकेशन को वापस लिया जाएगा।
उन्हें पहले की तरह ही दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने से छूट दी जाएगी। इस संदर्भ में होम सेक्रेटरी आरुण कुमार गुप्ता ने बताया कि हमें इस बारे में कोई सूचना अभी तक नहीं मिल पाई है। पूरा मामला ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से जुड़ा है इसलिए पूरे मामले की पड़ताल की जाएगी। उधर, ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी डॉ. अजय सिंगला का कहना है कि अभी वह बाहर हैं। वापस आने पर उचित निर्णय लिया जाएगा।
ऐेसे मिल सकती है सिख महिलाओं को छूट
दिल्ली परिवहन विभाग ने चार जून 1999 को जारी की गई अपनी अधिसूचना के जरिए दिल्ली मोटर वाहन अधिनियम 1993 के नियम 115 में संशोधन करते हुए महिलाओं के लिए मोटरसाइकिल चलाते या सवारी करते हुए सुरक्षात्मक हेडगियर (सिर को सुरक्षित रखने वाला उपकरण) पहनने को वैकल्पिक बना दिया था। 28 अगस्त, 2014 में जारी की गई अधिसूचना के जरिए नियम में और संशोधन किया गया। ताकि दिल्ली मोटर वाहन नियम 1993 के उप नियम 115 में महिला शब्द की जगह सिख महिला शब्द डाला जाए।
ये है पूरा मामला
जुलाई 2016 में प्रशासन ने नोटिफिकेशन जारी कर सभी महिलाओं के लिए टू व्हीलर ड्राइव करते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य किया था। यह फैसला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश के बाद लिया गया था। इसके बाद हेलमेट नहीं पहनने वाली महिलाओं के चालान किए जा रहे हैं लेकिन चंडीगढ़ के इस फैसले का शिरोमणि अकाली दल पहले दिन से ही विरोध करता रहा है। इसको लेकर पंजाब के राज्यपाल एंव यूटी प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से शिअद प्रतिनिधियों ने मिलकर विरोध जताया था। बावजूद इसके सभी सिख महिलाओं को छूट नहीं दी गई थी, केवल उन्हीं सिख महिलाओं को हेलमेट पहननने से छूट थी, जो सिर पर पगड़ी पहनती हैं।