चंडीगढ़ में नशे का कारोबार किस हद तक पैर पसार चुका है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महिलाएं भी नशे के इस धंधे में शामिल हैं। शहर के अलग-अलग पुलिस स्टेशन, क्राइम ब्रांच और ऑपरेशन सेल ने इस साल अक्तूबर माह के अंत तक 202 लोगों को नशीले पदार्थों के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपियों में दो दर्जन महिलाएं और तीन नाइजीरियन भी हैं।
चंडीगढ़ के सेक्टर 16 पुलिस स्टेशन क्राइम ब्रांच और ऑपरेशन सेल ने इस साल एनडीपीसी एक्ट के तहत जो केस दर्ज किए हैं, उनमें सबसे ज्यादा मात्रा अवैध और नशीले इंजेक्शन की है। अलग-अलग केसों में 3450 इंजेक्शन जब्त किए गए। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है कि नशे के लत में डूबे लोग इंजेक्शन का सहारा लेने लगे हैं। पुलिस के मुताबिक 200 से 250 रुपये में नशीला इंजेक्शन मिल जाता है।
सबसे खतरनाक बात यह है कि अक्सर एक ही सीरिंज से कई लोग नशा लेते हैं, जो एचआईवी का मुख्य कारण बन रहा है। करीब दो माह पहले क्राइम ब्रांच में ऐसे आरोपी पकड़े भी गए थे, जिन्हें एचआईवी था। पुलिस के मुताबिक नशेड़ी इंजेक्शन को खरीद लेते हैं, लेकिन सीरिंज को कई बार और अलग-अलग लोगों पर इस्तेमाल करते हैं।
कालोनियों में नशीले इंजेक्शन की जड़ें मजबूत
नशीले इंजेक्शन के कारोबार की जड़ें मुख्य तौर पर शहर की कालोनियों मे फैली हुई हैं। पकड़े गए ज्यादातर आरोपी कालोनी के क्षेत्र के हैं और दूसरे शहरों से इंजेक्शन लाकर चंडीगढ़ में सप्लाई करने का कारोबार करते हैं।
इंजेक्शन के बाद गांजा और चरस का कारोबार बड़ा
नशीले इंजेक्शनों का इतनी मात्रा में बरामद करने के बाद गांजे का कारोबार शहर में फैला हुआ है। इस साल अभी तक 69 किलो के आसपास गांजा पकड़ा गया है। गांजे का इस्तेमाल सीधे तौर पर सिगरेट में भरकर किया जाता है। इसके अलावा साढ़े तीन किलो के करीब चरस और ढाई किलो के करीब अफीम भी पकड़ी गई।
मलोया, 39 में सबसे ज्यादा, 19 में एक भी नहीं
शहर के 16 पुलिस स्टेशनों में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज 185 केस में से सबसे ज्यादा एफआईआर मलोया और सेक्टर-39 थाने में दर्ज हुई। दोनों ही थानों में 21-21 केस दर्ज है। सेक्टर-39 थाना क्षेत्र में शहर की कई कालोनी शामिल है। वहीं सेक्टर-19 के पुलिस स्टेशन में अभी तक एनडीपीएस एक्ट के तहत एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है।