विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने सत्ता में आने पर प्रदेश के नौजवानों को स्मार्ट फोन देने का वादा किया था लेकिन इसके लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनाव के दौरान सौ दिन में पचास लाख नौजवानों को फोन देने का वादा किया था, लेकिन अब इसकी चर्चा करने से भी भाग रही है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रधान व सांसद भगवंत मान ने कैप्टन सरकार पर नौजवानों के साथ वादाखिलाफी के आरोप लगाते हुए कहा है कि कैप्टन ने पंजाबियों को मुफ्त स्मार्टफोन तो क्या देने थे, इसके विपरीत किसानों की मोटरों पर बिजली के मीटर लगा कर बोझ बढ़ाने का तोहफा जरूर दिया है। उन्होंने कहा कि वह स्मार्टफोन के मुद्दे को संसद में उठाएंगे और कैप्टन सरकार की पोल खोलेंगे। उन्होंने कहा कि संसद में वे मांग करेंगे सियासी पार्टियों के घोषणापत्र को रजिस्टर्ड करने के लिए कानून बनाया जाए और जो पार्टी वादा पूरी करने से मुकरे उसकी मान्यता चुनाव आयोग रद करे।
पंजाब कांग्रेस के प्रधान व गुरदासपुर से सांसद सुनील जाखड़ का कहना है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नौजवानों को सौ दिन के अंदर ही मोबाइल फोन देना चाहते थे लेिकन पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा विरासत में मिले खाली खजाने के कारण सरकार को आर्थिक दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद कैप्टन अमिरंदर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पहले स्मार्ट फोन देने का वायदा पूरा करेंगे। इसको लेकर योजना बन चुकी है और देश की एक बड़ी कंपनी जल्द ही नौजवानों को स्मार्ट फोन और इंटरनेट सुविधा मुहैया करवाएगी।
सरकार का तर्क है कि स्मार्ट फोन देने के लिए ग्लोबल टेंडर की प्रणाली को अपनाया जा रहा है और रिलायंस कंपनी के साथ बातचीत चल रही है। मुख्यमंत्री की इस संबंध में रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी के साथ भी दो मीटिंग हो चुकी है।
वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल का भी कहना है कि स्मार्ट फोन कुछ महीनों के दौरान नौजवानों को दे दिए जाएंगे। इस संबंध में सारी प्रक्रिया मुकम्मल कर ली गई है और वित्त विभाग ने अपनी तरफ से स्मार्ट फोन की स्कीम को हरी झंडी दे दी है।