पीजीआई ने नेशनल आर्गन ट्रांसप्लांट और सीनियर सिटीजन के लिए अलग से हास्पिटल के निर्माण के लिए अंबानी और इंफोसिस से मदद मांगी है। दोनों ही कंपनियों ने कुछ दिन पहले चर्चा की थी कि वे सामाजिक जिम्मेदारियों के तहत स्वास्थ्य में निवेश करना चाहते हैं।
इसी के तहत पीजीआई ने दोनों को पत्र लिखकर सेंटर के निर्माण के लिए मदद मांगी है। यदि कंपनियों से पीजीआई को मदद मिलती है तो पूरे उत्तर भारत के मरीजों के लिए बड़ी राहत होगी। इसके लिए पीजीआई के पास पर्याप्त जगह है। पीजीआई के भविष्य के प्रोजेक्टों की लिस्ट में दोनों सेंटर शामिल हैं। यदि कंपनी इसमें निवेश करती है तो करोड़ों रुपये बचेंगे। इन रुपयों को दूसरे प्रोजेक्ट के निर्माण में लगाया जा सकता है। पिछले महीने पीजीआई ने इस संबंध में दोनों कंपनी के डायरेक्टर को पत्र लिखा है।
नेशनल आर्गन ट्रांसप्लांट सेंटर के लिए अंबानी को लिखा पत्र
पीजीआई डायरेक्टर ने नेशनल आर्गन ट्रांसप्लांट के निर्माण के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी को पत्र लिखा। पीजीआई के मुताबिक वह 2011 से आर्गन डोनेशन के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है। पीजीआई ने आर्गन ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए अपना एक स्पेशलाइज एरिया विकसित किया है। ट्रांसप्लांट का सक्सेस रेट भी काफी अच्छा है। इसके निर्माण में करीब 800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सिविल वर्क में 500, उपकरण में 200 और दूसरे चीजों में करीब 100 करोड़ का खर्च आने की संभावना है। इसके लिए भी पीजीआई के पास जमीन उपलब्ध है।
सीनियर सिटीजन के सेंटर के लिए इंफोसिस को लिखा
इंफोसिस को लिखे पत्र में पीजीआई ने बताया है कि उत्तर भारत सहित पूरे देश में सीनियर सिटीजन की संख्या काफी अधिक है। उनके लिए विस्तारपूर्वक इलाज की जरूरत है। मौजूदा समय में ऐसे मरीजों को इलाज के लिए अलग-अलग डिपार्टमेंट में जाना पड़ता है। इससे उन्हें काफी परेशानी होती है।
पीजीआई के प्रोजेक्ट के मुताबिक सीनियर सिटीजन के लिए 600 बिस्तराें का अलग से हास्पिटल होगा। इसके लिए करीब 590 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सिविल वर्क में 500 करोड़ और उपकरण की खरीद में 90 करोड़। पीजीआई के पास इसके लिए जमीन है।