जिस केस में कोर्ट में हुई किरकिरी, उसी में पुलिस को क्लीन चिट

जिस केस में कोर्ट में हुई किरकिरी, उसी में पुलिस को क्लीन चिट

जिस केस में कोर्ट में हुई किरकिरी, उसी में पुलिस को क्लीन चिट

जिस केस में कोर्ट में चंडीगढ़ पुलिस की किरकिरी हुई, उसी मामले में पुलिस कंपलेंट अथॉरिटी (पीसीए) ने पुलिस को क्लीन चिट दी है। पुलिस ने रॉयल सिटी प्रमोटर के डायरेक्टर की जगह पूर्व पार्षद देसराज गुप्ता के बेटे विकास गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया था।

इसी पर फैसले में पीसीए ने कहा कि पुलिस ने प्रताड़ित करने के उद्देश्य से विकास गुप्ता को गिरफ्तार नहीं किया। बताए गए पते पर जब पुलिस ने छापामारी की, उस समय विकास गुप्ता पते पर मौजूद था। पुलिस ने गलत पहचान के चलते उसे गिरफ्तार किया था। वहीं कंज्यूमर कमीशन के फैसले के बाद पुलिस ने विकास गुप्ता को फौरन रिहा कर दिया था। इस पर अथॉरिटी ने सुनवाई में चंडीगढ़ पुलिस को निर्दोष पाते केस डिस्पोस्ड ऑफ कर दिया।

दरअसल, सेक्टर-40 के संदीप सिंगला ने रॉयल सिटी प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के 6 डायरेक्टर के नाम शिकायत दी थी। संदीप सिंगला ने कंपनी से जून 2011 में 200 स्क्वायर यार्ड के 2 प्लॉट खरीदे थे। इसके लिए 20 लाख रुपये जमा करवाए गए, लेकिन प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए कॉम्पिटेंट अथॉरिटी से अप्रूवल नहीं थी। साथ ही प्रोजेक्ट्स के लिए एग्रीमेंट टू सेल कर दिया गया। इस पर संदीप सिंगला ने प्यारे लाल गर्ग, विकास गुप्ता, प्रवीण कांसल, मनीष कुमार सिंगला समेत 6 के खिलाफ शिकायत दी थी।

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