हरियाणा के पंचकूला में जो चंडीगढ़ का निकटवर्ती जिला है, यहां करीब तीस लाख रूपयों से बना रावण इस दशहरे पर लगभग तीस मिनट में जलकर खाक हो जाएगा। पंचकूला के सेक्टर-5 में शालीमार 12 एकड़ के खाली ग्राउंड में दशहरे के दिन जलने वाला यह रावण वर्ल्ड रिकार्ड कायम कर चुका है, जिससे यह विश्व का सबसे बड़ा रावण का पुतला बन गया है।
लाखों रूपये खर्च कर बनाए गए इस पुतले की लंबाई 210 फुट है, जिसमें 50 फुट की तलवार हाथ में लिए इस रावण का मुंह गर्दन समेत 25 फुट का है। 50 फुट के मुकुट पर 10 फुट का छत्रशूल लगाया गया है। वहीं रावण की मूछ की लंबाई 48 फुट है और 85 का धड़ व 30 फुट की टांगें हैं। रावण ने 10 फुट की जूती पहनी हुई है।
वहीं रावण के वजन की बात करें तो रावण का चेहरा तकरीबन साढ़े तीन क्विंटल का बताया गया, केवल चेहरे को बनाने में एक महीना लग गया। वहीं पूरा करीब 63 क्विंटल का है। इस बनाने वाले कलाकार तेजिन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि उन्होंने इसे रविवार सुबह ही तैयार कर खड़ा कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि इस बार पंचकूला में श्रीमाता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के सहयोग से इसे तैयार किया गया है। इससे पहले लोगों के मनोरंजन के लिए वे अंबाला के बराड़ा में भी पुतले बनाते रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके बनाए पुतलों ने पांच पर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में अपनी जगह बनाई है। तेजिन्द्र सिंह चौहान श्री रामलीला क्लब बराड़ा, जिला अंबाला के अध्यक्ष हैं।