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दादर नगर हवेली में भी दर्ज है केस

दादर नगर हवेली में भी दर्ज है केस

सीबीआई ने चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी के सदस्य सचिव आईएफएस बीरेंद्र चौधरी को एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। चौधरी चार प्राइवेट फर्म के मालिकों से 25-25 हजार रुपये रिश्वत मांगने का आरोप है। सीबीआई ने चौधरी को सोमवार रात 9:30 बजे उनके घर के पास एक पार्क से दबोचा। सीबीआई ने चौधरी के खिलाफ पीसी एक्ट 7 के तहत केस दर्ज कर उसे मंगलवार को जिला अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में बुड़ैल जेल भेज दिया।
मामले की शिकायत एक आरा मशीन का काम करने वाली फर्म के मालिक राजेंद्र कुमार ने दर्ज कराई थी। सीबीआई की एंटी क्रप्शन ब्रांच के डीएसपी जगदीश के अनुसार उन्हें शिकायत मिली थी कि पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी के मेंबर सेक्रेटरी वीरेंद्र चौधरी ने 2016 में शहर के कई आरा मशीन संचालकों समेत कई अन्य यूनिट को कारण बताओ नोटिस भेजे थे। इस पर शिकायतकर्ता अन्य फर्म संचालकों के साथ अपना पक्ष रखने के लिए कई बार चौधरी से मिले। लेकिन उन्होंने उनका पक्ष नहीं सुना।

इस बीच एक दिन शिकायतकर्ता तीन अन्य फर्म संचालकों के साथ इस मुद्दे को लेकर चौधरी से मिलने गए। बातचीत के दौरान आईएफएस चौधरी ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न करने की एवज में चारों से 50-50 हजार रुपये रिश्वत के तौर पर मांगे। हालांकि इसके बाद चारों से एक लाख रुपये में बातचीत तय हुई। शिकायतकर्ता के जरिए पैसे देने की बात तय हुई।
दादर नगर हवेली में भी दर्ज है केस

एक लाख रुपये रिश्वत लेते IFS वीरेंद्र चौधरी गिरफ्तार
इसके बाद शिकायतकर्ता ने सीबीआई में शिकायत दी। शिकायत की पुष्टि होने पर जांच एजेंसी ने ट्रैप बिछाया। राजेंद्र ने सोमवार को चौधरी को कॉल किया तो उसने पैसे लेकर सेक्टर-27 स्थित घर के बाहर पार्क में बुलाया। यहां जैसे ही चौधरी ने रिश्वत की रकम के पैसे पकड़े सीबीआई टीम ने उसे रंगेहाथ दबोच लिया। सीबीआई ने उसके परिवार को सूचना देकर उसे सेक्टर-30 स्थित सीबीआई दफ्तर ले आई। वहां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत उस पर केस दर्ज किया गया। वहीं सीबीआई के अनुसार चौधरी के घर से सर्च के दौरान करीब दो लाख रुपये, बैंक खातों के अलावा कई प्रापर्टी के कागजात मिले हैं।

दादर नगर हवेली में भी दर्ज है केस
सीबीआई के डीएसपी जगदीश के अनुसार आईएफएस चौधरी के खिलाफ केंद्र शासित प्रदेश दादर नगर हवेली में भी भ्रष्टाचार का केस दर्ज है। 2010 में चौधरी वहां प्रतिनियुक्ति पर गए थे। वहां भी उन पर रिश्वत लेने के मामले में सीबीआई में केस दर्ज हुआ था। इस मामले में वह चार्जशीट है और केस अदालत में विचाराधीन है।

अदालत ने सीबीआई को लगाई फटकार
मामले में आरोपी को समय से पेश न करने पर सीजेएम कोर्ट ने सीबीआई और उनके सरकारी वकील को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने सीबीआई को पिछली पेशियों पर भी देरी से आने पर चेताने की बात कही थी। बावजूद इसके इस बार भी सीबीआई आरोपी को पेश करने 4 बजे के करीब पहुंची। इस पर सीजेएम ने नाराजगी जतायी और अगली बार समय से पेश करने को कहा।

‘बी’ क्लास सुविधाएं मांगी
आईएफएस चौधरी की ओर से जेल में ‘बी’ क्लास सुविधाएं दिए जाने के लिए अदालत में याचिका दायर की गई है। इसके लिए उन्होंने खुद के आईएफएस और ग्रेजुएट होने के आधार बनाया है। इस पर अदालत ने जेल प्रशासन को याचिका पर जेल मैन्युअल के अनुसार फैसला लेने के आदेश दिए हैं।

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