Lioness

देश में पहली बार पीपली चिड़ियाखाना में शेरनी के तीन बच्चे रहे जिंदा, वन मंत्री आज करेंगे नामकरण

हरियाणा की धरती पिपली जू में शेरनी के तीन बच्चे एक साथ जिंदा रहे। यह देश में पहली बार संभव हो पाया है। अब वे 70 दिन के हो चुके हैं। तीनों अलग-अलग हट में रहते हैं। आज इन तीनों शावकों का नामकरण होना है। वन अधिकारियों ने नाम तय कर लिए हैं, जबकि फाइनल नामकरण वन मंत्री को करना है। सबसे बड़ी शेरनी है जिसका वजन 6 किलोग्राम से अधिक है, जबकि इससे छोटी भी शेरनी है, सबसे छोटा शेर है। तीनों को अब रोजाना हरी घास पर अठखेलियां करने को छोड़ा जाता है, लेकिन अब ये अटैक करने लगे हैं। गुर्राहट इतनी बढ़ गई है कि मानो शिकार करने की जिद्द करने लगे हैं। इनके पिता गीत व मां साक्षी को वन विभाग के अधिकारी गुजरात के जूनागढ़ से लेकर आए थे।

पल-पल की रिपोर्ट जा रही जूनागढ़:तीनों शावकों के लिए बाकयायदा पालकी का इंतजाम किया गया है, इन्हे हटों से बाहर पालकी से मंत्री तक लाया जाएगा। तीनों को रोजाना तीन समय 300-300 ग्राम कीमा व अमेरिकी दूध पिलाया जा रहा है। तीनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं। समूचे देश के वन्य अधिकारियों की नजर तीनों शावकों पर लगी हैं और पिपली जू से पल-पल की रिपोर्ट जूनागढ़ गुजरात के अधिकारियों तक भेजी जा रही है। वहां से भी इन पर नजर रखी गई है, क्याेंकि इनकी मां व पिता को वहीं से लाया गया था।

माता-पिता नहीं रहेंगे मौजूद:पिपली जू में इस समय शेर गीत व शेरनी साक्षी भी पिंजरों में हैं। नामकरण के समय शेर व शेरनी को आस-पास भी नहीं रखा जाएगा, क्योंकि ये इन बच्चों पर हमला कर सकते हैं। सात जून 2018 को जन्म के तुरंत बाद से इन्हें मां से अलग कर दिया गया था। तीन को जू में तैनात डॉ. अशोक ने जीतोड़ मेहनत कर जिंदा बचाए रखा है। यही नहीं जिस तरह की परवरिश शावकों को मिलनी चाहिए, वह दी गई है। 45 डिग्री तापमान से लेकर मानसून की बरसातों में इन्हें विशेष ट्रीटमेंट दिया गया है।

डॉक्टर का समझते हैं इशारा बच्चों की तरह पाला : शावकों की परवरिश कर रहे डॉ. अशोक जब आंखों से इशारा करते हैं तो एक लाइन में लग बैठ जाते हैं। चूंकि डॉक्टर ने इन्हें बच्चों की तरह पाला है। तीनों को जाली लगाकर अलग-अलग पिंजरों में रखा गया है, तीनों एक दूसरे को देख सकते हैं और अकेलापन महसूस नहीं करते। जब घास में बाहर निकालते हैं तो पहले दवाई का स्प्रे किया जाता है, ताकि किसी तरह की बीमारी न लग जाए। हरियाणा सरकार के वन मंत्रई राव नरबीर सिंह ने कहा कि तीनों शावकों का आज नामकरण किया जाएगा। वन विभाग के डॉक्टर ने जीतोड़ मेहनत कर इन्हें पाला है। पूरी टीम बधाई की पात्र है।

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