चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा सिटीजन पार्किंग पॉलिसी को लेकर तैयार किए ड्राफ्ट पर अब तक महज 144 लोगों ने ही सुझाव व आपत्तियां दर्ज कराई हैं। जबकि शहर की आबाद करीब 12 लाख की है। प्रशासन ने चंडीगढ़ नगर निगम से भी पॉर्किंग पॉलिसी पर सुझाव मांगे थे। निगम सदन बैठक में पार्किंग पॉलिसी के मुद्दे को एजेंडा में भी शामिल किया गया था लेकिन बैठक में एजेंडे को स्थगित कर दिया गया और चर्चा नहीं हुई।
शहर की तमाम रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन, ट्रेडर्स एसोसिएशन और उद्योगपतियों द्वारा पार्किंग पॉलिसी को लेकर भेजे गए आपत्तियों और सुझाव को उनकी कैटेगिरी के अनुसार वर्गीकृत किया जाएगा। 5 मार्च को सेक्रेटरी ट्रांसपोर्ट की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इन आपत्तियों व सुझावों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की जाएगी।
सिटीजन पार्किंग पॉलिसी को लेकर भेजी गई आपत्तियों में ज्यादातर लोगों ने दूसरी गाड़ी खरीदने पर 50 प्रतिशत रोड टैक्स देने की शर्त का पूरजोर तरीके से विरोध किया है। यूटी प्रशासन के अर्बन प्लानिंग डिपार्टमेंट ने रेजिडेंट्स पार्किंग पॉलिसी को लेकर जो ड्राफ्ट तैयार किया है, उसमें यह क्लॉज शामिल किया गया है। शहर के रिहायशी जगहों पर पार्किंग की समस्या से निपटने के लिए यह पॉलिसी तैयार की जा रही है।
अर्बन प्लानिंग डिपार्टमेंट ने इससे पहले 15 जनवरी तक लोगों से पार्किंग पॉलिसी के ड्राफ्ट पर सुझाव मांगे थे। उस समय केवल 80 के करीब लोगों ने ही अपने सुझाव व आपत्तियां दर्ज कराई थीं। इसके बाद प्रशासन ने पार्किंग पॉलिसी ड्राफ्ट को लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित किए जाने के लिए 28 फरवरी तक समय बढ़ा दिया था ताकि पार्किंग पॉलिसी पर ज्यादा से ज्यादा लोग सुझाव व आपत्तियां दर्ज करा सकें।
शहर में बढ़ते ट्रैफिक कंजेशन व पार्किंग की समस्या को देखते हुए यूटी प्रशासन ने पार्किंग पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया है ताकि शहर में बढ़ती गाड़ियों की संख्या पर लगाम लगाया जा सके। पार्किंग पॉलिसी के ड्राफ्ट के मुताबिक शहर के लोगों को 10 लाख रुपये से ऊपर दूसरी कार खरीदने पर 50 प्रतिशत रोड टैक्स देना पड़ेगा।
अभी शहर में 6 प्रतिशत रोड टैक्स दिया जाता है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी में यह नियम बनाया गया है कि जिस भी कंपनी में 50 से ऊपर इंप्लाइज होंगे, उस कंपनी या इंडस्ट्री को अपने इंप्लाइज के लिए स्टाफ बस रखना अनिवार्य होगा। नहीं तो कंपनी पर चालान या जुर्माना हो सकता है। वहीं, सड़क किनारे गलत ढंग से गाड़ी पार्क करने पर 1 हजार रुपये प्रतिदिन का चालान होगा।